हमारा एक करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य: मुख्यमंत्री फडणवीस
रमण अजय
- 10 Mar 2025, 07:55 PM
- Updated: 07:55 PM
मुंबई, 10 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार एक करोड़ लखपति दीदी बनाने की योजना पर ध्यान देगी।
इस योजना को केंद्र सरकार ने 2023 में पेश किया था। इसमें स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिला सदस्यों को ‘लखपति दीदी’ के रूप में मान्यता दी गई है, जिनकी कृषि, पशुपालन और छोटे उद्योगों से कम- से-कम एक लाख रुपये की वार्षिक आय है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार लखपति दीदी योजना के माध्यम से महिला सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित करेगी। हमारा लक्ष्य एक लाख रुपये सालाना आय वाली एक करोड़ महिला लाभार्थियों को तैयार करना है। इससे महिलाओं के लिए वित्तीय आजादी सुनिश्चित होगी और पर्यावरण अनुकूल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। अब तक 23 लाख से अधिक महिलाओं को इसका लाभ हुआ है। इस साल 24 लाख और महिलाओं को जोड़ने की योजना है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्ष्य एक करोड़ महिला लाभार्थियों को 8,000-10,000 रुपये मासिक आय उपलब्ध कराना है। इससे आत्मनिर्भरता का एक मजबूत नेटवर्क तैयार होगा।
विधानसभा में 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश किए जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कृषि में कृत्रिम मेधा (एआई) की भूमिका का भी जिक्र किया।
फडणवीस ने कहा, ‘‘एआई मिट्टी की जांच से लेकर फूल आने तक खेती में क्रांति ला सकता है। यह लागत कम कर सकता है और उत्पादकता में सुधार कर सकता है। हमने इस बदलाव को सुविधाजनक बनाने के लिए योजनाएं शुरू की हैं।’’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार जलवायु परिवर्तन, अप्रत्याशित वर्षा, फसल रोगों और श्रमिकों की कमी जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए कृषि में एआई के उपयोग की संभावनाएं टटोल रही है।
फडणवीस ने राज्य सरकार की प्रमुख लाडली बहिन योजना पर एक सवाल के जवाब में कहा कि कुछ लाभार्थी 30 लाख रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ नागपुर में एक क्रेडिट सोसायटी बनाने के लिए साथ आए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य और जिला स्तर पर समाज का ऐसा नेटवर्क तैयार कर रहे हैं। लाडली बहिन योजना के लाभार्थी वित्तीय सहायता को लाभकारी उद्यमों में निवेश कर सकते हैं, जिससे एक चक्रीय अर्थव्यवस्था बन सकती है।’’
फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को लाडली बहिन योजना के लिए 36,000 करोड़ रुपये आवंटित किए, लेकिन भत्ते में बढ़ोतरी की घोषणा नहीं की।
भाषा रमण