शीर्ष वैश्विक खुफिया अधिकारी अहम विचार-विमर्श के लिए इस सप्ताहांत भारत में जुटेंगे
पारुल रंजन
- 11 Mar 2025, 09:42 PM
- Updated: 09:42 PM
(मानस प्रतिम भुइयां)
नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) अमेरिकी खुफिया विभाग की प्रमुख तुलसी गबार्ड, कनाडा के खुफिया प्रमुख डैनियल रॉजर्स और ब्रिटिश खुफिया एजेंसी एमआई-6 के प्रमुख रिचर्ड मूर उन शीर्ष वैश्विक खुफिया प्रमुखों में शामिल हैं, जो भारत में इस सप्ताहांत होने वाले सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। घटनाक्रम से वाकिफ अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल 16 मार्च को भारत की मेजबानी में आयोजित होने वाले सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें आतंकवाद और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, न्यूजीलैंड और भारत के कई अन्य मित्र देशों के खुफिया प्रमुखों के भी नयी दिल्ली में होने वाले विचार-विमर्श में शामिल होने की संभावना है।
अधिकारियों के मुताबिक, गबार्ड जापान, थाईलैंड और फ्रांस के बहु-देशीय दौरे के हिस्से के रूप में भारत आ रही हैं। यह अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के किसी शीर्ष अधिकारी की भारत की पहली उच्च-स्तरीय यात्रा होगी।
अधिकारियों के अनुसार, खुफिया प्रमुखों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा गबार्ड रायसीना डायलॉग को संबोधित करने और एनएसए डोभाल के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की भी संभावना है।
बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) गबार्ड थाईलैंड की अपनी यात्रा के बाद 15 मार्च को भारत आएंगी। गबार्ड ने पिछले महीने अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी।
अधिकारियों के मुताबिक, सुरक्षा एवं खुफिया प्रमुखों के सम्मेलन में लगभग 20 देशों की खुफिया एवं सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख एवं उप प्रमुखों के जुटने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि विचार-विमर्श में खुफिया प्रमुखों के रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में संघर्ष के प्रभावों सहित अन्य वैश्विक चुनौतियों पर भी ध्यान केंद्रित करने की संभावना है।
अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा और खुफिया प्रमुख आतंकवाद के वित्तपोषण के साथ-साथ साइबर अपराधों से निपटने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) के प्रमुख रॉजर्स की भारत यात्रा हरदीप सिंह निज्जर मामले को लेकर दोनों देशों के रिश्तों में जारी तनाव के बीच हो रही है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में आरोप लगाया था कि कनाडा की धरती पर निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट का हाथ हो सकता है, जिसके बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में दरार आ गई थी।
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को “बेतुका” बताकर खारिज कर दिया था। पिछले साल की दूसरी छमाही में दोनों देशों के बीच संबंध और भी खराब हो गए, जब कनाडा ने उच्चायुक्त संजय वर्मा समेत कई भारतीय राजनयिकों पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया।
अक्टूबर 2024 में कनाडा ने वर्मा और पांच अन्य भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में नयी दिल्ली ने भी कनाडा के उच्चयोग प्रभारी स्टीवर्ट व्हीलर और पांच अन्य राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।
माना जा रहा है कि रॉजर्स के साथ डोभाल की बातचीत में इस मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।
घटनाक्रम से वाकिफ अधिकारियों के मुताबिक, सम्मेलन के दौरान डोभाल कई प्रमुख देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
भाषा पारुल