राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने आम आदमी के लिए ट्रेन सुविधाएं बढ़ाने पर दिया जोर
माधव मनीषा
- 17 Mar 2025, 03:00 PM
- Updated: 03:00 PM
नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) राज्यसभा में सोमवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने ट्रेन दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए आम आदमी के लिए ट्रेन सुविधाएं बढ़ाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया वहीं बसपा के एक सदस्य ने गरीबों के लिए वंदे भारत ट्रेन शुरू किए जाने का सुझाव दिया।
उच्च सदन में रेलवे मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए बहुजन समाज पार्टी के रामजी ने कहा कि रेलवे देश के लिए जीवनरेखा के रूप में काम करती है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन देश में दो से ढाई करोड़ लोग यात्रा कर रहे हैं इसलिए सरकार का दायित्व बनता है कि वह यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने के साथ आमदनी बढ़ाने के उपायों पर जोर दे।
उन्होंने कहा कि जाड़ों में कोहरे के कारण ट्रेनों में विलंब होता है किंतु इन दिनों कौन सा कोहरा है, जो ट्रेनें देर से चल रही हैं। उन्होंने सरकार को गरीबों के लिए भी वंदे भारत ट्रेनें चलाने का सुझाव दिया।
रामजी ने मांग की कि ट्रेनों में सामान्य कोच अधिक संख्या में लगाये जायें ताकि गरीब यात्रियों को सुविधा मिल सके।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफराज अहमद ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि रेल मंत्री को अपना ध्यान गरीबों एवं किसानों पर केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर केवल नयी ट्रेनों पर ही नहीं होना चाहिए बल्कि पुरानी ट्रेनों में सुख सुविधाएं बढ़ाने पर भी ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार को रेलवे के आउटसोर्स किए गए कामों के परिणामों की समीक्षा कर देखना चाहिए कि कहीं उनकी गुणवत्ता में गिरावट तो नहीं आ रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की फौजिया खान ने कहा कि हम विकसित भारत की बात करते हैं किंतु यह नहीं भूलना चाहिए कि एक वंचित भारत है जो साधारण ट्रेनों के खचाखच भरे डिब्बों में चलता है। राकांपा सदस्य ने कहा कि वंचित भारत के प्रति सहानुभूति दिखायी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार ट्रेनों में यात्रा करने वाले छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वाले उम्मीदवारों की जरूरतों का भी ध्यान रखे।
तृणमूल कांग्रेस के रीताव्रत बनर्जी ने कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों के लिए रेलवे का बजट लगभग उपेक्षित रहता है। उन्होंने दावा किया कि इस बार भी ऐसे राज्यों के रेल बजट में कटौती हुई जिनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है जिसके रेल बजट में 5.6 फीसदी की कमी कर दी गई।
उन्होंने कहा ‘‘आखिर सरकार की प्राथमिकता क्या है? क्या माल भाड़ा गलियारे की तुलना में बुलेट ट्रेन अधिक महत्वपूर्ण है? पूर्वी समर्पित माल भाड़ा गलियारे का कुछ हिस्सा अब तक पूरा नहीं हो पाया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी जब रेल मंत्री थीं तब उन्होंने पत्रकारों के लिए रेलवे में रियायती यात्रा की एक योजना शुरू की थी लेकिन कोविड काल में केंद्र सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया। ‘‘इसे शुरु करना चाहिए।’’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ए ए रहीम ने कहा कि अक्तूबर 2024 में एक आदेश जारी कर बाहर निकाले गये कर्मचारियों को अनुबंध पर रखा गया। उन्होंने इस आदेश को देश के युवाओं के लिए बहुत निराशाजनक बताते हुए मांग की कि इसे वापस लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे की लापरवाही के कारण पिछले पांच साल में 361 कर्मचारियों ने पटरियों पर अपनी जान गंवायी है। उन्होंने कहा कि सरकार को यात्रियों एवं रेल कर्मियों की सुरक्षा के लिए समुचित उपाय करने चाहिए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पी पी सुनीर ने कहा कि रेल बजट को आम बजट में मिला देना सरकार की एक भारी भूल थी। उन्होंने कहा कि सरकार को जवाबदेही की ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि देश में ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि एक ओर जहां वंदे भारत ट्रेन सुर्खियों में छायी हुई है वहीं आम यात्री सामान्य डिब्बों में तमाम परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
निर्दलीय अजीत कुमार भुइयां ने असम में चल रही विभिन्न परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इनको पूरा होने में बहुत अधिक समय लग रहा है। उन्होंने राज्य की विभिन्न रेलवे लाइनों के दोहरीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।
भुइयां ने कहा कि उन्होंने पिछले साल भी डिब्रूगढ़ की रेलवे परियोजना का मुद्दा सदन में उठाया था किंतु उस दिशा में कुछ भी नहीं किया गया।
तमिल मनीला कांग्रेस (एम) के जी के वासन ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आज देश में रेलवे नेटवर्क का आधुनिकीकरण तेज गति से चल रहा है ताकि यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि आज देश इस बात की प्रतीक्षा कर रहा है कि बुलेट ट्रेन कब चलना शुरू होगी ताकि भारत विकसित देशों की तरह अपने लोगों को यह सुविधा दे सके।
उन्होंने तमिलनाडु के विभिन्न तीर्थस्थलों को देश के अन्य तीर्थस्थलों से जोड़ने के लिए ट्रेनें चलाने की मांग की।
भाषा
माधव