न्यूजीलैंड ने संरा सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के वास्ते भारत के प्रयास का किया समर्थन
राजकुमार दिलीप प्रशांत
- 17 Mar 2025, 10:27 PM
- Updated: 10:27 PM
नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने सोमवार को कहा कि भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है, क्योंकि तेजी से बहुध्रुवीय होते विश्व में इसका आकार और भू-रणनीतिक महत्व बहुत अहम है।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनने के भारत के प्रयास का भी समर्थन किया।
रायसीना डायलॉग में अपने संबोधन में लक्सन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि ‘शक्ति ही सही है’ दृष्टिकोण अस्वीकार्य है।
उनकी यह टिप्पणी इस क्षेत्र में चीन द्वारा उत्तरोत्तर की जा रही जोर आजमाइश के बीच आई है।
न्यूजीलैंड के नेता ने कहा कि भारत जैसे देश वैश्विक स्तर पर केन्द्रीय भूमिका निभाते हैं तथा न्यूजीलैंड पुनर्गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट मिलने के पक्ष में है।
लक्सन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ रायसीना डायलॉग का उद्घाटन करने के बाद यह टिप्पणी की।
अपने संबोधन में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने मुख्य रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा की तथा इस क्षेत्र में बढ़ते शक्ति-संतुलन का विश्लेषण किया।
उन्होंने कई विदेश मंत्रियों, शीर्ष राजनयिकों और विदेश नीति विशेषज्ञों की मौजूदगी में कहा, ‘‘हमें बड़े आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि हम दुनिया के सबसे रोमांचक और गतिशील क्षेत्र - हिंद-प्रशांत के केंद्र में रहते हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘सुरक्षा के बिना समृद्धि नहीं आ सकती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘न्यूजीलैंड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा करना और उन्हें आगे बढ़ाना चाहता है, इसलिए हम ऐसा केवल भारत जैसे साझेदारों के साथ मिलकर ही कर सकते हैं, जिनकी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका है।’’
लक्सन ने तर्क दिया, ‘‘ तेजी से बहुध्रुवीय होते जा रहे विश्व में भारत का आकार और भू-रणनीतिक ताकत आपको स्वायत्तता प्रदान करती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक ऐसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रहना चाहते हैं, जहां देश हस्तक्षेप से मुक्त होकर अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हों, एक ऐसा क्षेत्र जहां कोई भी देश हावी न हो।’’
लक्सन ने क्वाड को खुले, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने के लिए एक ‘महत्वपूर्ण साधन’ भी बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘और क्वाड के विकास में भारत का योगदान महत्वपूर्ण रहा है।’’
लक्सन ने सुझाव दिया कि हालांकि न्यूजीलैंड का क्वाड का हिस्सा बनने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन वह समूह की पहल को आगे बढ़ाने के लिए काम करने के लिए तैयार है।
दिन में अपनी भेंटवार्ता में मोदी और लक्सन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर विचार-विमर्श किया।
एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक ऐसे खुले, समावेशी, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी, जहां संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाता है।
भाषा
राजकुमार दिलीप