रेलवे करीब सारे खर्चे राजस्व से पूरे कर रहा है : वैष्णव
वैभव माधव
- 18 Mar 2025, 03:34 PM
- Updated: 03:34 PM
नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि रेलवे कोरोना वायरस महामारी के बाद अब करीब-करीब हर साल अपने खर्चे अपने ही राजस्व से पूरे कर पा रहा है और स्वस्थ स्थिति की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रेलवे के प्रति भावनात्मक लगाव और सार्वजनिक परिवहन की इस सेवा के विकास एवं विस्तार के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए अनेक कदमों के परिणामस्वरूप आने वाले समय में रेलवे आगे और बेहतर करने का प्रयास रहेगा।
सदन में ‘वर्ष 2025-26 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ पर सोमवार को हुई चर्चा का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का रेलवे के प्रति भावनात्मक लगाव है और उन्होंने रेलवे के लिए 2.52 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक बजट प्रस्तुत कराया है।
रेल मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विपक्षी सदस्यों के कटौती प्रस्तावों को खारिज करते हुए ध्वनिमत से इन अनुदान मांगों को पारित कर दिया।
इससे पहले महाकुंभ पर सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्य में भगदड़ की घटना का उल्लेख नहीं होने को लेकर विपक्ष के सदस्य नारेबाजी कर रहे थे और रेल मंत्री के पूरे जवाब के दौरान विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा।
रेल मंत्री ने शोर-शराबे के बीच ही कहा कि कोविड में रेलवे को काफी कठिनाई आई, लेकिन आज यह उपक्रम मुश्किलों से निकलकर अच्छी स्थिति में आया है तथा आज परिस्थितियां ऐसी हैं कि रेलवे अपने करीब-करीब सारे खर्चे अपने राजस्व से पूरे कर पा रहा है।
वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने 2020 के बाद यात्री किराये में कोई वृद्धि नहीं की है और पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका से तुलना करें तो देश में यात्री किराया बहुत कम है, वहीं यूरोप के देशों में तो भारत की तुलना में यात्री भाड़ा 20 गुना तक है।
उन्होंने कहा कि रेलवे 60 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी यात्री किराये पर देता है और इसे सामाजिक प्रतिबद्धता की तरह लेता है।
वैष्णव ने कहा कि आज भारत रेलवे माल ढुलाई के मामले में अमेरिका और चीन के साथ शीर्ष तीन देशों में शामिल है।
उन्होंने कहा कि राजग सरकार में देशभर में 34 हजार किलोमीटर रेलवे पटरियां बनी हैं और 50 हजार किलोमीटर पटरियों की मरम्मत की गई हैं।
वैष्णव ने रेलवे अवसंरचना विकास की अनेक उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि देश में 12 हजार फ्लाई ओवर और अंडरपास बनने से लोगों को लाभ हुआ है, लोकोमोटिव विनिर्माण का स्तर 1400 प्रतिवर्ष पर पहुंच गया है जो पूरे अमेरिका और यूरोप में इंजन उत्पादन को जोड़ लें तो उससे भी अधिक है।
रेल मंत्री ने कहा कि सरकार ने 3300 स्टेशनों को डिजिटल नियंत्रण में लाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
उन्होंने लोको पायलट की कार्य परिस्थितियों पर कुछ सदस्यों की चिंताओं के संदर्भ में कहा कि लोको पायलट के आराम कक्षों की स्थिति बहुत खराब थी, लेकिन आज 558 कक्ष शत प्रतिशत वातानुकूलित हैं, वहीं 1100 लोकोमोटिव में शौचालय की व्यवस्था करने के साथ ही नई डिजाइन के सभी इंजन में शौचालय की विशेष व्यवस्था की जा रही है।
वैष्णव ने कहा कि लोको पायलट का औसत ड्यूटी समय 7.7 घंटे है और
सप्ताह में वे 104 घंटे की जगह औसतन 91 घंटे ड्यूटी करते हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे के विकास में लोको पायलट का बहुत योगदान है और उनकी परिस्थिति में लगातार सुधार किया जा रहा है।
रेलगाड़ियों में सामान्य डिब्बे कम होने संबंधी कुछ सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि आज ट्रेनों के कुल डिब्बों में स्लीपर और सामान्य श्रेणी के 56 हजार कोच, वहीं मात्र 23 हजार वातानुकूलित कोच हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से पहले इस मामले में विपरीत स्थिति थी।
उन्होंने महाकुंभ के समय रेलगाड़ियों के परिचालन का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हर समय लगातार नजर रखते रहे और सुझाव देते रहे, वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी हर समय संवाद बना रहा।
वैष्णव ने कहा कि महाकुंभ के समय नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के दुखद हादसे के बाद 60 स्टेशनों पर स्थायी प्रतीक्षा स्थल बनाए गए हैं, सब जगह सीसीटवी कैमरे और नई पीढ़ी के संचार उपकरण लगाए जा रहे हैं, स्टेशन निदेशक के पद को उन्नत कर रहे हैं तथा प्रयास किया जा रहा है कि जितनी क्षमता हो, उतने ही टिकट बेचे जाएं।
उन्होंने भविष्य में चेयरकार वाली 50 वंदे भारत और शयनयान वाली 200 वंदेभारत रेलगाड़ियां, 100 नई अमृत भारत ट्रेन और 50 नई नमो भारत ट्रेन चलाए जाने की भी घोषणा की।
वैष्णव ने कहा कि मुंबई लोकल ट्रेन परिवहन में और सुधार के लिए 238 नई ट्रेनों का विनिर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने ट्रेनों के आवागमन के समय के संबंध में कहा, ‘‘मैं बहुत खुशी के साथ बताना चाहूंगा कि रेलवे के 68 में से 12 मंडल ऐसे हैं जिनमें समयपालन 95 प्रतिशत तक पहुंच गया है, वहीं 49 डिवीजन ऐसे हैं जिनमें समयपाबंदी 80 प्रतिशत से अधिक है।’’
वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे का विकसित और समृद्ध राष्ट्रों के बराबर पहुंचने का प्रयास है जिसके लिए अभी बहुत अधिक मेहनत करनी है।
उन्होंने कहा कि जम्मू को श्रीनगर से रेलमार्ग से जोड़ने का वर्षों पुराना सपना प्रधानमंत्री मोदी ने पूरा किया है और जल्द ही इस मार्ग पर रेल सेवा शुरू होगी।
उन्होंने कहा कि फ्रेट कॉरिडोर को करीब-करीब पूरा तैयार कर लिया गया है
रेल मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के समय फ्रेट कॉरिडोर का केवल नाम लिया जाता था और 2014 तक देश में एक भी किलोमीटर फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण नहीं हुआ था, लेकिन आज यह पूरा होने के करीब है।
उन्होंने कहा, ‘‘फ्रेट कॉरिडोर पर रोजाना 350 ट्रेन चल रही हैं। आज 24 घंटे की जगह 12 घंटे में बंदरगाह तक सामान पहुंच रहा है।’’
वैष्णव ने कहा कि आजादी के बाद 2014 तक 125 किलोमीटर सुरंग रेलवे नेटवर्क में थीं, लेकिन 2014 से आज तक 460 किलोमीटर नई रेलवे सुरंग बनी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में सुरंग निर्माण की नई हिमालयन पद्धति ईजाद हुई है और दुनिया ने भारत के इंजीनियर का, आत्मनिर्भर भारत और प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि का लोहा माना है।’’
वैष्णव ने कहा कि सरकार ने रेल स्टेशनों के पुनर्निर्माण का दुनिया का सबसे बड़ा काम हाथ में लिया है जिनमें से कुल सात स्टेशनों का उद्घाटन हो चुका है और 129 उद्घाटन के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष में कई स्टेशन इसमें जुड़ेंगे।
रेल मंत्री ने संसद सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपने अपने क्षेत्रों में रेलवे के कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान दें और कोई भी कमी हो तो सरकार के संज्ञान में लाएं।
उन्होंने कहा कि गुणवत्ता से कहीं भी कोई समझौता नहीं किया जाएगा, भले ही थोड़ा समय लग जाए क्योंकि प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश में रेलवे में अगले 50 साल के लिए काम किया जा रहा है।
वैष्णव ने कहा कि बुलेट ट्रेन के बारे में कांग्रेस के समय की हीनभावना का ही परिणाम है कि कुछ सांसद कह रहे हैं कि देश में इसकी जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें देश को आगे लेकर जाना है और आने वाली पीढ़ियों के लिए काम करना है।’’
भाषा
वैभव