नेजा मेला के लिए अनुमति नहीं दिये जाने के बाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर नजर गड़ायी
सं जफर राजकुमार
- 18 Mar 2025, 04:41 PM
- Updated: 04:41 PM
संभल (उप्र), 18 मार्च (भाषा) संभल जिला प्रशासन द्वारा वार्षिक ‘नेजा मेला’ के लिए आयोजकों को अनुमति नहीं दिए जाने के एक दिन बाद मंगलवार को पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है तथा अगर कोई अफवाह फैलाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार को संभल जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, महमूद गजनवी के भांजे और सैन्य कमांडर सैयद सालार मसूद गाजी की याद में आयोजित होने वाले वार्षिक ‘नेजा मेले’ के लिए इस साल अनुमति नहीं दी जाएगी।
संभल के अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘यह (नेजा मेला) एक गलत परंपरा थी, गलत परंपराओं के साथ आगे बढ़ना ठीक नहीं है। उन्हें (आयोजकों को) सूचित किया गया है कि गलत परंपराओं के साथ आगे बढ़ना ठीक नहीं है, इसीलिए अनुमति नहीं दी गई।’’
उन्होंने कहा,‘‘दूसरे पक्ष ने भी आपत्ति दर्ज कराई थी कि गजनवी के भतीजे अब्दुल सालार गाजी की याद में झंडा बनाना ठीक नहीं है। गजनवी लूट के उद्देश्य से देश में आया था। इसीलिए अनुमति नहीं दी गई।’’
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पूरी तरह से शांति है और पुलिस ने आज फ्लैग मार्च भी किया ।
इस सवाल पर कि आयोजकों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया तो अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वे कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
चंद्रा ने कहा,‘‘सभी पक्षों को तथ्यात्मक रूप से बताया जाएगा कि यह नेजा मेला अवैध था, इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी गई।’’
उन्होंने कहा,‘‘सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है। मीडिया सेल भी इसकी निगरानी कर रहा है। अगर कोई अफवाह फैलाता है तो दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’
नगर नेजा मेला समिति के अध्यक्ष शाहिद हुसैन मसूदी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस साल भी हमने 10 दिन पहले उपजिलाधिकारी को सूचित किया था कि 18 मार्च को ढाल लगाई जाएगी और 25 मार्च से 27 मार्च तक अलग-अलग स्थानों पर नेजा मेला आयोजित किया जाएगा। कल हम अपर पुलिस अधीक्षक से मिले थे, उन्होंने मेले के आयोजन की अनुमति नहीं दी। इस मामले में हम जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेंगे और उनसे बात करेंगे।’’
चमन सराय के दुकानदार शहजाद आलम ने कहा, ‘‘मुझे आज पता चला कि प्रशासन ने नेजा मेले की अनुमति देने से मना कर दिया है। मैं पिछले 30-35 सालों से यह मेला देख रहा हूं। आज पहली बार पता चला कि सालार गाजी एक लुटेरा और हत्यारा था।’’
संभल जिले के निवासी संजय सांख्यधर ने कहा कि प्रशासन का यह सही फैसला है। उसने कहा,‘‘1947 में आजादी के बाद गुलामी के प्रतीक इन आयोजनों पर रोक लगनी चाहिए थी। लेकिन अब इसकी अनुमति नहीं दी गई है। यह सराहनीय कदम है।’’
संजय ने कहा, ‘‘सालार गाजी महमूद गजनवी का भतीजा था। उसने भी संभल को लूटा और हमारी प्राचीन सभ्यता को नष्ट किया। यहां का स्थानीय त्योहार ध्वज मेला होली के बाद मनाया जाता है। 2022 और 2023 में इस मेले का नाम सद्भावना मेला रखा गया है।’’
सोमवार को नेजा मेला कमेटी के लोग कोतवाली में अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र से मिले थे जहां एएसपी ने मेले की अनुमति लेने आए लोगों से पूछा कि आप किसके नाम पर मेले का आयोजन करते हैं।
मेला कमेटी के लोगों ने बताया था कि सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर संभल में नेजा मेले का आयोजन होता है, जिस पर अपर पुलिस अधीक्षक ने साफ शब्दों में कह दिया था कि यहां पर सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर मेले का आयोजन नहीं होगा। उन्होंने कमेटी से साफ कहा कि इतिहास गवाह है कि वह महमूद गजनवी का सेनापति था जिसने सोमनाथ को लूटा और कत्लेआम किया, ऐसे में किसी लुटेरे की याद में कोई भी मेले का आयोजन नहीं होगा।
अदालत के आदेश पर मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के विरोध में पिछले साल 24 नवंबर को दंगे हुए थे और उसके बाद से संभल जिले में तनाव है। एक याचिका में दावा किया गया था कि यह एक प्राचीन हिंदू मंदिर का स्थल है, जिसके बाद मस्जिद एक बड़े विवाद का केंद्र बन गई है। झड़पों में चार लोग मारे गए और पुलिसकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए।
भाषा सं जफर