राज्यसभा में तृणमूल सदस्य ने टी एन शेषन को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग उठाई
ब्रजेन्द्र मनीषा
- 18 Mar 2025, 04:42 PM
- Updated: 04:42 PM
नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने मंगलवार को राज्यसभा में पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषन को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की मांग उठाई।
शून्यकाल में तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने यह मांग उठाते हुए कहा कि शेषन देश के 10वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त थे और उन्होंने पूरी निष्पक्षता के साथ देश में चुनाव संपन्न कराए और इस संवैधानिक संस्था की अखंडता को बरकरार रखा।
उन्होंने कहा कि शेषन के कार्यकाल के दौरान ही निर्वाचन आयोग की एक मजबूत छवि देश के सामने आई।
उन्होंने कहा ‘‘लेकिन आज निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए बनाई गई समिति में न तो सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और न ही विपक्ष के नेता की इसमें कोई उपयोगिता रह गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब यह सरकार द्वारा नियुक्त की गई संस्था बन गई है। शेषन आज अगर होते तो कभी इसकी अनुमति नहीं देते।’’
गोखले ने कहा कि एक तरफ मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहते शेषन ने आदर्श चुनाव आचार संहिता का सख्ती से पालन कराया वहीं पिछले लोकसभा चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इस क्रम में तृणमूल सदस्य ने मतदाता फोटो पहचान पत्र के दोहराव वाले अनुक्रमांक (ईपीआईसी) का मुद्दा भी उठाया।
उन्होंने यह दावा भी किया कि हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में 8 लाख नए मतदाता जोड़े गए जबकि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान 39 लाख नए मतदाताओं को जोड़ा गया।
उन्होंने कहा, ‘‘इस परिस्थिति में टी एन शेषन को भारत रत्न देने की आवश्यकता है ताकि वह निर्वाचन आयोग को याद दिलाएं कि उसे निष्पक्षता से काम करना चाहिए।’’
कांग्रेस की रंजीत रंजन ने 2016 में शुरु की गई 'उड़ान योजना' का उल्लेख किया और कहा कि आज विमान का किराया अंधाधुंध तरीके से बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज विमान मालिकों की मनमानी-मोनोपॉली चल रही है और उनकी कोई जवाबदेही नहीं है।’’
रंजन ने कहा कि सरकार ने घोषणा में कहा था कि वह 'हवाई चप्पल' पहनने वालों को हवाई जहाज का सफर करवाएगी लेकिन सच्चाई ये है कि विमान में मिलने वाली चाय भी 200 रुपये की है, जो हवाई चप्पल से महंगी है।
उन्होंने कहा, ‘‘विमानों में खराब गुणवत्ता का खाना परोसा जाता है। यात्रियों को कई बार टूटी हुई सीटों पर बैठना पड़ता है। विमान को घंटों तक रनवे पर खड़ा रखा जाता है। कई बार उसमें एसी बंद हो जाता है, यात्री परेशान होते हैं। ऐसे में सवाल है कि ये किसकी उड़ान है? ये आम नागरिकों की उड़ान है या विमान मालिकों की उड़ान है?’’
कांग्रेस के ही इमरान प्रतापगढ़ी ने मुंबई स्थित हज हाउस कोचिंग संस्थान को बंद करने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के प्रयासों से 2009 में हज हाउस कोचिंग सेंटर शुरू हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए सरकार से कोई फंड नहीं लिया गया, बल्कि हाजियों की रजिस्ट्रेशन फीस और सर्विस चार्ज से बनने वाले हज कमेटी के कॉर्पस के एक हिस्से से इसे चलाया जा रहा था। लेकिन कोरोना फैलने के बाद कोचिंग सेंटर की सीटें घटाई गईं और आखिर में तत्कालीन अल्पसंख्यक मंत्री ने मौका देखकर सेंटर को बंद कर दिया गया। उनके इस फैसले से लाखों बच्चों के सपने टूट गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अल्पसंख्यक मंत्रालय से अनुरोध करता हूं कि हाजियों के पैसे से चलने वाले इस सेंटर को फिर से शुरू किया जाए, इसकी सीटें बढ़ाई जाएं, क्योंकि जब इसमें सरकार का पैसा नहीं खर्च होता है तो उनकी परेशानी क्या है।’’
कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने पिछले दिनों सूरत के टैक्सटाइल बाजार में आग लगने की घटना का उल्लेख किया और प्रभावितों के मुआवजे की मांग की।
भारतीय जनता पार्टी की कल्पना सैनी ने उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन के केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर दिया और यदि ऐसा होता है तो इस पहाड़ी राज्य में पर्यटन, रोजगार और आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।
उन्होंने राज्य में विश्व स्तरीय स्टेडियम, अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र और मल्टी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स की स्थापना को प्राथमिकता देने का सरकार से आग्रह किया।
भाजपा के धैर्यशील मोहन पाटील ने गणेश की मूर्ति बनाने में उपयोग होने वाले प्लास्टर ऑफ पेरिस पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से प्रतिबंध लगाने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि इस प्रतिबंध से लाखों की संख्या में मूर्तिकारों का व्यवसाय संकट में आ गया है। उन्होंने सरकार से इस दिशा में हस्तक्षेप की मांग की।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पी संदोष कुमार ने यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियंस की ओर से 24 और 25 मार्च को किए गए बंद के आह्वान की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया।
उन्होंने कहा कि उक्त यूनियन 8 लाख से अधिक बैंक कर्मियों का प्रतिनिधित्व करती है।
उन्होंने वित्त मंत्री से इस मामले को गंभीरता से लेने और बातचीत के माध्यम से आगे का रास्ता निकालने का अनुरोध किया।
बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने ओडिशा के लिए तत्काल विशेष राज्य के दर्जे की मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘ओडिशा सहानुभूति नहीं चाह रहा है। ओडिशा न्याय की मांग कर रहा है। न्याय लंबे समय से अपेक्षित है। दो दशकों से अधिक समय से नवीन पटनायक के नेतृत्व में ओडिशा ने विशेष राज्य के दर्जे के लिए एक सुसंगत और उचित मांग की है।’’
पात्रा ने कहा कि ओडिशा को तत्काल विशेष राज्य का दर्जा प्रदान किया जाए।
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