कांग्रेस में पीढ़ीगत बदलाव की प्रक्रिया जारी है: पायलट ने एआईसीसी अधिवेशन से पहले कहा
आशीष रंजन
- 06 Apr 2025, 08:01 PM
- Updated: 08:01 PM
(फोटो सहित)
(आसिम कमाल)
नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) अहमदाबाद में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अधिवेशन से पहले कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने रविवार को कहा कि पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव हो रहा है और युवा नेता उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में जवाबदेही के साथ-साथ विचारधारा को मजबूत करना मुख्य मंत्र होगा।
पायलट ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि गुजरात में हो रहा एआईसीसी अधिवेशन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में हो रहा है जब ध्यान संबंधित राज्य में पार्टी को मजबूत करने और वहां इसका पुराना गौरव बहाल करने पर है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि पार्टी भले ही लोकसभा चुनावों के बाद कुछ राज्यों में चुनाव हार गई हो, लेकिन उसने लड़ने का जज्बा या जोश नहीं खोया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव का समय आ गया है, पायलट ने कहा कि कोई भी बदलाव रातोंरात नहीं होता बल्कि धीरे-धीरे होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी पिछड़ों, युवाओं, महिलाओं, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अल्पसंख्यकों की स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। ये वे वर्ग हैं जो हमारी आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा हैं और इन वर्गों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है।’’
पायलट ने जयपुर से फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘पार्टी के मंच पर हमने उदयपुर घोषणापत्र को स्वीकार किया और उसका पालन कर रहे हैं। पार्टी की सभी नियुक्तियों में हम उस घोषणापत्र को ध्यान में रख रहे हैं। (पीढ़ीगत) बदलाव अपने आप हो रहा है, कई लोग अब नेतृत्व की भूमिकाएं संभाल रहे हैं चाहे वह संसद के भीतर हो या संसद के बाहर, राज्यों में हो या एआईसीसी में नए लोगों की नियुक्ति हो, युवा अब नेतृत्व की भूमिकाएं संभाल रहे हैं।’’
पायलट ने कहा कि पार्टी ने दिसंबर में बेलगावी सम्मेलन में घोषणा की थी कि 2025 संगठनात्मक सशक्तीकरण का वर्ष होगा। उन्होंने कहा कि ध्यान संगठनात्मक सुधार, रिक्त पदों को भरने और युवाओं को अधिक राजनीतिक शक्ति देकर पार्टी द्वारा उदयपुर घोषणा पर कायम रहने पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी, मल्लिकार्जुन खरगे जी और प्रियंका (गांधी वाद्रा) जी पार्टी, विभागों और आईवाईसी, एनएसयूआई, सेवा दल, महिला कांग्रेस आदि जैसे प्रमुख संगठनों के कामकाज में काफी रुचि ले रहे हैं।’’
पायलट ने कहा, ‘‘हमने 2025 को पार्टी कार्यकर्ताओं में नयी ऊर्जा भरने और उनमें उत्साह भरने का वर्ष बनाने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है। हम पार्टी को वैचारिक रूप से और अधिक मजबूत होते देखेंगे, प्रभावी लोगों को अधिक जिम्मेदारियां देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि जो काम करने में समर्थ नहीं हैं, उनकी जगह ऐसे लोगों को लाया जाए जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।’’
क्या जवाबदेही पार्टी के लिए मुख्य मंत्र होगा, पायलट ने कहा, ‘‘ऐसा होना ही चाहिए।’’
उन्होंने जोर देकर कहा कि जिम्मेदारी देना एक बात है, लेकिन हर व्यक्ति को जब उसे कोई काम दिया जाता है तो उसे जवाबदेह होना पड़ता है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘इस बात की लगातार समीक्षा की जाएगी कि कौन काम कर रहा है और कौन नहीं कर रहा है। उदाहरण के लिए राजस्थान में हमने निर्णय लिया है कि पार्टी का कोई भी पदाधिकारी जो बिना उचित कारण के लगातार तीन पार्टी बैठकों में शामिल नहीं होता है, उसे हटा दिया जाएगा और किसी अन्य को जगह दी जाएगी।’’
पायलट ने कहा कि यहां इंदिरा गांधी भवन में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जिला कांग्रेस कमेटी प्रमुखों को बड़ी भूमिका दी जाएगी तथा चुनाव, वित्तीय प्रबंधन और चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया में उनकी अधिक भागीदारी होगी।
उन्होंने कहा कि ये सभी पहलू पहले भी मौजूद थे, लेकिन भविष्य में इन्हें और अधिक बेहतर किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव और उसके बाद कांग्रेस नेताओं के पाला बदलने के बारे में पायलट ने कहा कि संगठन व्यक्ति से बड़ा होता है हालांकि लोग अपनी पसंद-नापसंद और राजनीतिक मजबूरियों के अनुसार आते-जाते हैं, लेकिन कांग्रेस दुनिया के सबसे पुराने राजनीतिक संगठनों में से एक है और सत्ता में हो या विपक्ष में, जनता की सेवा के प्रति इसकी प्रतिबद्धता बरकरार है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे कैसे मजबूत किया जाए, कैसे अधिक युवाओं को कांग्रेस में शामिल किया जाए, इस पर शीर्ष नेतृत्व की ओर से निरंतर प्रयास किया जा रहा है...भाजपा ने केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष, खासकर कांग्रेस के नेताओं को डराने- धमकाने, बदनाम करने, लालच देने और चरित्र हनन के लिए किया है।’’
पायलट ने कहा, ‘‘जो प्रतिबद्ध कांग्रेसी हैं, वे आगे बढ़ेंगे। हमारे शीर्ष नेतृत्व पर एजेंसियों द्वारा राजनीतिक हमला किया गया, लेकिन हमने मुकाबला किया है। हम उनसे कानूनी रूप से, हम उनसे सड़कों पर लड़ेंगे।’’
पायलट ने कहा कि राजनीति में दृढ़ निश्चयी होना जरूरी है, क्योंकि कभी अच्छा समय आता है तो कभी बुरा समय भी आता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम (केंद्र में) 10 साल तक सरकार में थे। हम 10 साल से सत्ता से बाहर हैं। लेकिन हमें आगे की लड़ाई लड़ने के लिए दृढ़ विश्वास की जरूरत है। समय कठिन है क्योंकि भाजपा विपक्ष की आवाज को दबाने और कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।’’
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया है और संसद में सरकार को आड़े हाथों लेने के लिए कठिन सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं जबकि भाजपा भावनात्मक मुद्दे उठा रही है।"
गुजरात में एआईसीसी अधिवेशन के बारे में पायलट ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि लंबे अंतराल के बाद गुजरात में ऐसा आयोजन हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम गुजरात पर बहुत मजबूती से ध्यान केंद्रित करेंगे। राजनीतिक रूप से, हम गुजरात में मजबूत हैं। यह एआईसीसी अधिवेशन देश में हमारे सभी कार्यकर्ताओं को बढ़ावा देगा, लेकिन विशेष रूप से गुजरात में हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को।’’
पायलट ने कहा, ‘‘गुजरात हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है। हालांकि, पिछले दो दशकों में हम वहां चुनाव नहीं जीत पाए हैं, लेकिन हमारा वोट प्रतिशत बहुत मजबूत रहा है। राहुल गांधी ने हाल में राज्य का कई बार दौरा किया है। मुझे लगता है कि उन्होंने और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने यह जिम्मेदारी ली है कि हमें गुजरात में पार्टी के पुराने गौरव को पुनर्जीवित, मजबूत और बहाल करना है।’’
पायलट ने कहा, ‘‘गुजरात हमारे लिए महत्वपूर्ण राज्य है और हम भाजपा की किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।’’
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल के संबंध में सवाल पर पायलट ने कहा कि ऐसे कई मामले हैं, जहां कांग्रेस और विपक्ष सरकार को बैकफुट पर लाने में सफल रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पूरे देश के लिए काम करने, सरकार की कार्यप्रणाली को उजागर करने तथा संस्थाओं को लगातार कमजोर करने के उसके प्रयासों को उजागर करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराना चाहते हैं।’’
अहमदाबाद में एआईसीसी का अधिवेशन ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष’ विषय पर होगा, जिसमें नौ अप्रैल को मुख्य अधिवेशन में 1,700 से अधिक एआईसीसी सदस्य भाग लेंगे।
भाषा आशीष