एनटीए 'चूक': पैनल के सुझाव लागू करने के केंद्र के आश्वासन के बाद मामले का निपटारा
सिम्मी नरेश
- 07 Apr 2025, 03:15 PM
- Updated: 03:15 PM
नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) पिछले साल राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश (नीट-यूजी) परीक्षा आयोजित करने में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की कार्यप्रणाली से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने विशेषज्ञ पैनल द्वारा सुझाए गए परीक्षा संबंधी सुधारों को लागू करने का सोमवार को आश्वासन दिया जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने इस मामले का निपटारा कर दिया।
न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने इस मुद्दे पर केंद्र की अनुपालन रिपोर्ट एवं उसके महाधिवक्ता तुषार मेहता की दलीलों पर गौर किया और याचिका का निपटारा कर दिया।
मेहता ने कहा कि केंद्र ने एनटीए द्वारा नीट परीक्षा ऑनलाइन आयोजित करने के सुझाव को छोड़कर सात सदस्यीय पैनल के सभी सुझावों को स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘पूरे भारत में 26 लाख से अधिक छात्र नीट देते हैं और सरकार को इंटरनेट एवं कंप्यूटर की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी... इसमें कुछ समय लगेगा।’’
मेहता ने कहा, ‘‘लेकिन (विशेषज्ञ पैनल की) रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई है।’’
उन्होंने कहा कि मामले में कुछ भी नहीं बचा है और इसका निपटारा किया जा सकता है।
पीठ ने अभ्यावेदनों और घटनाक्रम पर गौर करने के बाद कहा कि आगे किसी आदेश की जरूरत नहीं है।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल दो अगस्त को विवादास्पद नीट-यूजी 2024 को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा था कि रिकॉर्ड में ऐसी कोई पर्याप्त सामग्री नहीं है जो परीक्षा की शुचिता से समझौता करने वाले प्रणालीगत कदाचार को इंगित करती हो।
एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 2024 में 23 लाख से अधिक छात्रों ने नीट-यूजी परीक्षा दी थी।
भाषा
मेहता ने कहा कि केंद्र ने सात सदस्यीय पैनल के सभी सुझावों को स्वीकार कर लिया है, सिवाय एक के-एनटीए द्वारा ऑनलाइन एनईईटी परीक्षा आयोजित करने के-फिलहाल के सुझाव। उन्होंने कहा, "पूरे भारत में 26 लाख से अधिक छात्र एनईईटी देते हैं और सरकार को इंटरनेट और कंप्यूटर की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी... इसमें कुछ समय लगेगा, लेकिन (विशेषज्ञ पैनल की) रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई है।" मेहता ने कहा कि मामले में कुछ भी नहीं बचा है और इसका निपटारा किया जा सकता है।
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