न्यायालय ने 2018 के सुकमा मुठभेड़ मामले में जांच के लिए याचिका पर सुनवाई टाली
वैभव नेत्रपाल
- 08 Apr 2025, 04:53 PM
- Updated: 04:53 PM
नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह अगस्त 2018 की एक घटना की स्वतंत्र जांच के लिए दायर याचिका पर जुलाई में सुनवाई करेगा, जिसमें सुकमा जिले में मुठभेड़ में 15 कथित माओवादियों को मार गिराया गया था।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, ‘‘हम जुलाई में इस पर सुनवाई करेंगे। अभी वहां शांति प्रक्रिया जारी है। आज खबर है कि 26 लोगों ने आत्मसमर्पण कर दिया है।’’
पीठ ने कहा कि इस तरह के मुकदमे शांति प्रक्रिया में बाधा बनेंगे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों का मनोबल गिराने के लिए तेलंगाना स्थित एक गैर सरकारी संगठन ने याचिका दायर की है।
उन्होंने दावा किया कि याचिका में गलत बयान दिए गए हैं और संबंधित अधिकारी ने याचिका के स्रोत की शीर्ष अदालत की निगरानी में जांच की मांग करते हुए आवेदन दायर किया है।
मेहता ने कहा कि ओडिशा और गढ़चिरौली में घटी घटनाओं की कुछ गलत तस्वीरें याचिका में दायर की गई थीं और जब इस ओर ध्यान दिलाया गया तो याचिकाकर्ता ने कहा कि यह एक गलती थी।
मामले में सुनवाई जुलाई में करने का निर्णय सुनाते हुए पीठ ने कहा कि मणिपुर में भी दोनों पक्ष राज्य में शांति चाहते हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने पहले याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि इसमें ‘‘फर्जी दावे’’ किए गए हैं।
राज्य सरकार ने कहा था कि याचिका के साथ संलग्न तस्वीरें कथित घटना की नहीं हैं। याचिका में मुठभेड़ की जांच सीबीआई या विशेष जांच दल से कराने की मांग की गई है।
गत दो अप्रैल को छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दावा किया था कि सरकार माओवादियों के साथ बिना शर्त शांति वार्ता के लिए पहले से ही तैयार है। नक्सलियों ने पूर्व शर्तों के साथ ‘संघर्षविराम’ घोषित करने की इच्छा दिखाई है।
प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नाम से सोशल मीडिया पर 2 अप्रैल को प्रसारित एक बयान में शांति के लिए पूर्व शर्तें रखी गईं, जिसमें नक्सल रोधी अभियान रोकना और सुरक्षाबलों के नए शिविरों की स्थापना को रोकना शामिल है।
सुरक्षाबलों के साथ लगातार मुठभेड़ों में भारी नुकसान के बाद अपने खेमे में कमी का सामना कर रहे प्रतिबंधित समूह ने केंद्र और राज्य सरकारों से शांति वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाने को कहा है।
माओवादियों की केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय द्वारा कथित तौर पर जारी किया गया 28 मार्च, 2025 का बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे से दो दिन पहले सामने आया।
पुलिस ने बताया कि 7 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में तीन इनामी नक्सलियों समेत कम से कम 26 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
भाषा वैभव