निर्वाचन आयोग के कार्यालय में भिड़े टीएमसी के सांसद, ‘व्हाट्सएप ग्रुप’ तक पहुंचा विवाद
आशीष मनीषा
- 08 Apr 2025, 04:53 PM
- Updated: 04:53 PM
नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अमित मालवीय ने पिछले सप्ताह तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों के बीच हुई कथित कहासुनी का वीडियो मंगलवार को साझा किया।
वीडियो में सांसद कल्याण बनर्जी अपने सहयोगियों पर चिल्लाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि पार्टी नेता उन्हें शांत करने की कोशिश कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के भाजपा सह-प्रभारी मालवीय ने टीएमसी सांसदों के कथित ‘चैट ग्रुप’ के कुछ ‘स्क्रीनशॉट’ भी साझा किए हैं।
मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चार अप्रैल को टीएमसी के दो सांसद निर्वाचन आयोग के मुख्यालय में सरेआम आपस में भिड़ गए, जहां वे एक ज्ञापन प्रस्तुत करने गए थे। ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी ने अपने सांसदों को निर्वाचन आयोग के पास जाने से पहले ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए संसद कार्यालय में इकट्ठा होने का निर्देश दिया था। हालांकि, ज्ञापन लेकर जाने वाले सांसद संसद की बैठक में शामिल नहीं हुए और सीधे निर्वाचन आयोग चले गए।’’
भाजपा नेता ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने दोनों सांसदों को कथित तौर पर पद छोड़ने को कहा है।
मालवीय ने कहा, ‘‘इससे एक अन्य सांसद नाराज हो गए और आयोग में जब वे दोनों आमने-सामने आए तो भिड़ गए। उनके बीच तीखी नोकझोंक हुई और दोनों एक-दूसरे पर चिल्लाने लगे। बात इतनी बढ़ गई कि उनमें से एक ने वहां मौजूद पुलिस कर्मियों से हस्तक्षेप करने को कहा। मामला ममता बनर्जी तक पहुंच गया, जिन्होंने कथित तौर पर दोनों सांसदों को पद छोड़ने को कहा।’’
यह विवाद व्हाट्सएप चैट ग्रुप ‘एआईटीसी एमपी 2024’ तक फैल गया, जहां कल्याण बनर्जी ने ‘बहुमुखी प्रतिभा की अज्ञात अंतरराष्ट्रीय महिला’ का हवाला दिया जिसके बाद उनकी दुर्गापुर से पार्टी के सांसद कीर्ति आजाद से कहा-सुनी हो गई।
संपर्क करने पर, टीएमसी के एक सांसद ने कहा कि बहस हुई थी, लेकिन वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते।
पार्टी के एक अन्य नेता सौगत रॉय ने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से इस घटना की जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि चैट और वीडियो ने पार्टी को ‘‘बदनाम’’ किया है।
सौगत रॉय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि वास्तव में क्या हुआ, मैं व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल नहीं हूं, मैं वहां था भी नहीं, इसलिए मुझे व्यक्तिगत रूप से नहीं पता कि क्या हुआ। जो कुछ भी सामने आया है, उससे पार्टी की बदनामी हुई है।’’
कथित व्हाट्सएप चैट में कल्याण बनर्जी ने एक संदेश में कोलकाता पहुंच जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मुझे गिरफ्तार करने के लिए अपनी बीएसएफ और दिल्ली पुलिस को भेजें। आपके गृह मंत्रालय का संबंध बहुत मजबूत अंतरराष्ट्रीय महान महिला से है।’’
बनर्जी ने एक अन्य संदेश में कहा, ‘‘आज मैं उन सज्जन को बधाई देता हूं, जिन्होंने बहुमुखी प्रतिभा की धनी अंतरराष्ट्रीय महिला की सुंदर गतिविधियों का खुलासा किया। उस दिन उसका एक भी मित्र उसके पीछे नहीं खड़ा था। यह मूर्ख व्यक्ति, जिसे वह बीएसएफ द्वारा गिरफ्तार करना चाहती थी, उसके पीछे खड़ा था। आज निश्चित रूप से 30 साल का प्रसिद्ध खिलाड़ी मुझे गिरफ्तार करवाने के लिए उसके पीछे खड़ा था।’’
जवाब में कीर्ति आजाद ने बनर्जी से कहा कि वह ‘‘नाबालिग अपराधी’’ की तरह व्यवहार न करें। उन्होंने लिखा, ‘‘...मेरा आपसे कोई झगड़ा नहीं है। केवल राजनीति में नहीं, मैं आपसे उम्र में वरिष्ठ होने के नाते विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि आप सभी को साथ लेकर चलें। अपना बचकाना और सनकी व्यवहार बंद करें। वयस्कों की तरह व्यवहार करें। किसी को भड़काएं नहीं। ठंडे दिमाग से सोचें। शुभ रात्रि।’’
कल्याण बनर्जी ने इसके बाद भी आजाद पर कुछ और हमले करते हुए उन्हें ‘‘आंतरिक राजनीति का कप्तान’’ बताया। बनर्जी ने संदेश में लिखा, ‘‘आपकी लोकप्रियता इतनी अधिक है कि आप क्रिकेट में चुनाव हार गए। मुझे दिखाइए कि आप अपने दोस्त के लिए मुझे गिरफ्तार करवा सकते हैं। चिंता मत कीजिए, मैं दुर्गापुर जाऊंगा और आपकी कलई खोलूंगा।’’
भाषा आशीष