उत्तरकाशी का मथोली गांव बना महिला सशक्तिकरण की मिसाल
दीप्ति नोमान
- 09 Apr 2025, 08:50 PM
- Updated: 08:50 PM
देहरादून, नौ अप्रैल (भाषा) उत्तरकाशी जिले का मथोली गांव ग्रामीण पर्यटन के साथ ही महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन गया है जहां महिलाएं ‘होमस्टे’ के माध्यम से पयर्टकों को आतिथ्य के साथ ही उन्हें ‘विलेज टूर’ (गांव भ्रमण) तक करा रही हैं ।
चिन्यालीसौड़ ब्लॉक में स्थित 'ब्वारी गांव' (पुत्रवधुओं का गांव) के रूप में चर्चित हो रहे मथोली गांव को पर्यटक गांव में बदलने का श्रेय गांव के ही युवक प्रदीप पंवार को जाता है जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान अपने ग्राम लौटना पड़ा ।
पयर्टन के क्षेत्र में काम करने का अनुभव रखने वाले पंवार ने गांव के पास मौजूद अपनी छानी (गौशाला) को ‘होमस्टे’ में बदल कर उसे पर्यटकों के लिए खोल दिया । इसी के साथ उन्होंने गांव की महिलाओं को भी ‘होम स्टे’ संचालन (आतिथ्य सत्कार, भोजन बनाने, ट्रैकिंग, विलेज टूर) का प्रशिक्षण दिया ।
इसके अलावा, पर्यटन के साथ ही महिला सशक्तिकरण का संदेश दूर-दूर तक पहुंचाने के लिए उन्होंने गांव की ब्रांडिंग 'ब्वारी गांव' के तौर पर की ।
उन्होंने गांव में घस्यारी प्रतियोगिता भी कराई और पयर्टकों के लिए ग्रामीण जीवन की एक नई झलक प्रस्तुत की जो पर्यटकों को खूब भाई ।
स्थानीय महिला अनीता पंवार ने बताया कि गांव में अब अन्य महिलाएं भी अपनी छानियों को ‘होमस्टे’ में परिवर्तित करने के लिए आगे आई हैं ।
प्रदीप पंवार ने बताया कि आठ मार्च 2022 को उन्होंने अपने ‘होमस्टे’ की शुरूआत की थी जिसके बाद से वहां अब तक करीब एक हजार पर्यटक आ चुके हैं ।
उन्होंने बताया कि इससे करीब 20 महिलाओं को भी समय-समय पर काम मिला ।
प्रदीप पंवार ने बताया कि उन्होंने अपने ‘होम स्टे’ को अब पयर्टन विभाग में पंजीकृत करवा दिया है जिससे वे ऑनलाइन बुकिंग भी ले सकते हैं।
पर्यटन अधिकारियों ने बताया कि विभाग के पास इस समय 5331 ‘होमस्टे’ पंजीकृत हैं जिनमें से ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं ।
राज्य सरकार पंडित दीन दयाल उपाध्याय ‘होमस्टे’ योजना के तहत ‘होमस्टे’ की लागत पर मैदानी क्षेत्र में 25 प्रतिशत और पहाड़ी क्षेत्र में 33 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान करती है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ' मथोली गांव, ग्रामीण पर्यटन के साथ ही महिला सशक्तिकरण का भी उदाहरण है। यदि गांव का कोई परिवार ‘होमस्टे’ संचालन के लिए आगे आता है तो उन्हें पर्यटन विभाग की सभी योजनाओं का लाभ देने के अलावा उसकी पंजीकरण प्रक्रिया में भी सहयोग किया जाएगा। मथोली गांव से अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।”
भाषा दीप्ति