जितना अन्याय फूलन देवी के साथ हुआ उतना किसी महिला के साथ नहीं हुआ : अखिलेश यादव
आनन्द जितेंद्र
- 12 Apr 2025, 08:14 PM
- Updated: 08:14 PM
इटावा, 12 अप्रैल (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को पार्टी की पूर्व सांसद फूलन देवी के प्रति सम्मान और संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि दुनिया के इतिहास में जितनी प्रताड़ना और अन्याय फूलन देवी के साथ हुआ उतना किसी महिला के साथ नहीं हुआ होगा।
अखिलेश यादव ने इटावा में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इटावा-औरैया के क्षेत्र में तमाम साथी पैदा हुए, जो अन्याय के खिलाफ लड़े।
उन्होंने कहा, “फूलन देवी का भी इतिहास संघर्षपूर्ण है। दुनिया के इतिहास में जितनी प्रताड़ना और अन्याय फूलन देवी के साथ हुआ उतना किसी महिला के साथ नहीं हुआ होगा।”
सपा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, यादव ने शेखर कपूर निर्देशित फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ की ओर इशारा करते हुए कहा कि फूलन देवी पर जो फिल्म बनी उसमें अन्त में दिखाया गया कि एक पिछड़ी जाति की सरकार आयी, जिसने फूलन देवी के मुकदमें वापस लिये और छुडाया।
उन्होंने कहा, “फूलन देवी के साथ जो अपमान हुआ था उसके बदले सम्मान दिलाने के लिए नेताजी (मुलायम सिंह यादव) और समाजवादी पार्टी ने उनको लोकसभा पहुंचाने का काम किया।”
सपा प्रमुख ने कहा, “बहुत लोग इतिहास नहीं जानते। जब फूलन देवी ने आत्मसमर्पण किया था तब तय हुआ था कि जो-जो डाकू उस समय आत्मसमर्पण कर रहे हैं उन्हें छोड़ दिया जाएगा। सबको छोड़ दिया गया लेकिन फूलन देवी को नहीं छोड़ा गया था।”
यादव ने कहा, “उसी शर्त के आधार पर नेताजी मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद मुकदमें वापस लिए। फूलन देवी को रिहा करावाया और लोकसभा में पहुंचाया।”
जेल से छूटने के बाद फूलन देवी राजनीति में आ गयीं।
फूलन देवी पर अपने गिरोह के सदस्यों के साथ 14 फरवरी, 1981 को कानपुर देहात के बेहमई गांव में ठाकुर समुदाय के 20 लोगों की हत्या का आरोप था।
वह 1996 और 1999 में समाजवादी पार्टी से मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र से चुनी गईं और 25 जुलाई, 2001 को नई दिल्ली में उनके सरकारी बंगले के बाहर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी।
यादव ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा, “इटावा और इस इलाके का इतिहास यह है। आज इतिहास को लोग अलग-अलग तरीके से देख रहे हैं।”
अखिलेश यादव ने कहा, “इटावा-औरैया के लोग बहुत क्रांतिकारी है। इनका इतिहास बहुत महत्वपूर्ण रहा है। यहां चंबल और बीहड़ बगल में है। कहीं ऐसी बीहड़ नहीं है, जैसा यहां का है। यही नहीं 1857 की आजादी की लड़ाई में यहां के ‘कलेक्टर’ एओ ह्यूम क्रांतिकारियों के डर से भाग गए थे।”
यादव ने दिल्ली में अन्ना हजारे आंदोलन के दौरान बाबा रामदेव के महिला के कपड़े पहनकर भागने का जिक्र किया बिना कहा, “वह (एओ ह्यूम) ऐसे भागे थे जैसे दिल्ली में एक बाबा जी कपड़े पहन कर भागे थे। यह इतिहास के पन्नों में दर्ज है। बाद में उन्होंने कांग्रेस की स्थापना की थी।”
उन्होंने याद दिलाया कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम को पहली बार इटावा के मतदाताओं ने लोकसभा में पहुंचाने का काम किया था।
यादव ने कहा कि नेताजी और समाजवादी पार्टी ने उन्हें (कांशीराम को) जिताने का काम किया था।
उन्होंने कहा कि इटावा के चंबल में पहले जहां डाकू थे वहां अब शेर पैदा हो रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की पहली ‘लॉयन सफारी’ इटावा में बनायी गयी।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले की चर्चा करते हुए कहा, “गोरखपुर में शेर इटावा से गये है। गोरखपुर में शेर पिजड़े में रखे गये हैं। ‘इटावा लॉयन सफारी’ में शेर खुले में घूमते हैं।”
यादव ने समाज में भेदभाव और छुआछूत का जिक्र करते हुए कहा, “कोई मनु महाराज थे, जो सब गड़बड़ कर गये। तभी से हम लोगों के साथ भेदभाव हो रहा है। यह तो बाबा साहब का संविधान है, जो सम्मान दिलाता है।”
उन्होंने कहा, “जो लोग देश को मनु विधान से चलाना चाहते हैं उनसे कहना चाहता हूं कि यह देश सिर्फ बाबा साहब के संविधान से चलेगा। संविधान हमें हक दिलाता है। जो हक मारना चाहते है वही संविधान विरोधी है।”
भाषा आनन्द