टीटीवी, पनीरसेल्वम को सीट देने पर भाजपा, अन्नाद्रमुक मिलकर विचार करेंगी: नैनार नागेंद्रन
सुरभि नेत्रपाल नरेश
- 15 Apr 2025, 01:03 PM
- Updated: 01:03 PM
(वी गंगाधरन और वी एन जनार्दन कौशिक)
(फाइल फोटो के साथ)
चेन्नई, 15 अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने कहा है कि 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए टीटीवी दिनाकरन के नेतृत्व वाली अम्मा मक्कलमुनेत्र कषगम (एएमएमके) और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) को सीट बंटवारे के सवाल पर अन्नाद्रमुक और उनकी पार्टी का नेतृत्व मिलकर विचार करेगा।
नागेंद्रन से जब पूछा गया कि भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के तौर पर 12 अप्रैल को पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा था कि वह सिर्फ हवा के झोंके की तरह हैं, जबकि के. अन्नामलाई तूफान की तरह काम करते हैं और इस पृष्ठभूमि में उन्होंने सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) से मुकाबला करने की किस प्रकार योजना बनाई है, नागेंद्रन ने कहा कि जिन मुद्दों पर चर्चा या बहस की आवश्यकता है, उन्हें उठाया जाना चाहिए और इसमें कोई संदेह नहीं है।
नवनिर्वाचित भाजपा नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उन्होंने हमेशा विधानसभा में भी उठाया है और वह ऐसा करना जारी रखेंगे।
64 वर्षीय नागेंद्रन 234 सदस्यीय तमिलनाडु विधानसभा में दक्षिणी तिरुनेलवेली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
सदन में उनकी मृदुभाषी वक्ता की छवि और साथ ही इस बारे में पूछे जाने पर कि अपनी पार्टी के एजेंडे को वह कैसे आगे बढ़ाएंगे, खासकर जब उनके पूर्ववर्ती अन्नामलाई अपनी मुखर शैली के लिए लोकप्रिय रहे हैं, नागेंद्रन ने कहा कि वह विधानसभा में भाजपा की नीतियों को स्पष्ट करने में कभी विफल नहीं हुए हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि पार्टी के लक्ष्यों को जोर-शोर से उठाते समय उनकी ‘‘नरम छवि’’ कभी कोई मुद्दा नहीं रही।
उन्होंने यह भी कहा कि अन्नामलाई ने राज्य में पार्टी को अच्छी तरह से विकसित किया है और उनकी अनूठी कार्यशैली सराहनीय है।
यह पूछे जाने पर कि क्या ‘ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम’ (अन्नाद्रमुक) द्वारा उनकी पार्टी को आवंटित सीट में से दिनाकरन (टीटीवी) के नेतृत्व वाली एएमएमके और पनीरसेल्वम को सीट आवंटित करने के लिए भाजपा आगे आएगी, नागेंद्रन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अभी (अन्नाद्रमुक के साथ) तो सिर्फ गठबंधन बना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सीट बंटवारे पर फैसला हमारा संसदीय बोर्ड और आलाकमान करेगा। अन्नाद्रमुक भी इस संबंध में एक समिति गठित कर सकती है और हमारा संसदीय बोर्ड इस पर विचार-विमर्श करेगा।’’
एडप्पाडी के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक 11 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापस आ गई, जिन्होंने घोषणा की थी कि गठबंधन पलानीस्वामी के नेतृत्व में 2026 का राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेगा।
नागेंद्रन के पूर्ववर्ती के. अन्नामलाई ने अन्नाद्रमुक के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में फिर से शामिल होने से कुछ समय पहले कहा था कि दिनाकरन जैसे सहयोगियों को ‘‘निराश’’ नहीं किया जा सकता जो पार्टी के पीछे मजबूती से खड़े हैं। अन्नामलाई के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर नागेंद्रन ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से उन्होंने जो कहा वह सही है। जो पहले से ही राजग का हिस्सा हैं, वे गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे।’’
पलानीस्वामी ने जब यह संकेत दिया था कि वह द्रमुक को हटाने के लिए भाजपा से जुड़ने के खिलाफ नहीं हैं, तब अन्नामलाई ने किसी का नाम लिए बिना कहा था कि राजग में चाहे कोई भी शामिल हो, दिनाकरन जैसे समर्पित सहयोगियों को ‘‘निराश’’ नहीं किया जा सकता।
दिनाकरन और ओपीएस ने राजग के घटक के रूप में 2024 का आम चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहे थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा अपने हिस्से से ऐसे सहयोगियों के साथ सीट साझा करके उन्हें समायोजित करेगी, नागेंद्रन ने अन्नामलाई की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे सहयोगी भाजपा के साथ हैं और ‘‘हमारा राजग (भाजपा पदाधिकारियों का जिक्र करते हुए) नेतृत्व और अन्नाद्रमुक नेतृत्व मिलकर इस मामले पर फैसला करेंगे।’’
दिनाकरन और पनीरसेल्वम (ओपीएस) दोनों को पहले भी अलग-अलग मौकों पर अन्नाद्रमुक से निष्कासित किया जा चुका है और पार्टी के महासचिव एडप्पाडी के. पलानीस्वामी ने बार-बार जोर देकर कहा है कि वी. के. शशिकला के अलावा इन दोनों नेताओं को भी फिर से शामिल नहीं किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री शाह ने तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा के समय कहा था कि उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी। अन्नाद्रमुक के निष्कासित नेताओं ओपीएस और टीटीवी के साथ एकीकरण के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा था कि यह अन्नाद्रमुक का अंदरूनी मामला है।
तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा ‘‘थोलवी कूटनी’’ यानी असफल होने वाला गठबंधन बताकर खारिज किए जाने पर नागेंद्रन ने कहा, ‘‘मैं यही कहूंगा, केवल वे (द्रमुक के नेतृत्व वाला गुट) ही चुनाव हारेंगे।’’
अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी द्वारा यह कहे जाने पर कि अगले साल चुनावी मुकाबला द्रमुक और टीवीके के बीच होगा, भाजपा नेता ने अपनी पार्टी और अन्नाद्रमुक की ताकत पर भरोसा जताते हुए कहा कि तमिलनाडु में केवल राजग ही जीतेगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रदेश इकाई के प्रमुख के रूप में विजय की पार्टी को राजग में शामिल करने के लिए कदम उठाएंगे, उन्होंने कहा कि ‘‘(इस बारे में) उन्हें फैसला करना है।’’
उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक के जुड़ने के साथ अभी केवल गठबंधन किया गया है और विजय के तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) जैसे दलों को लाने पर उचित समय पर विचार किया जाएगा।
अन्नामलाई द्वारा दिवंगत अन्नाद्रमुक प्रमुख जे. जयललिता और द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई के खिलाफ पूर्व में कथित तौर पर की गई कुछ टिप्पणियों के कारण अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर नागेंद्रन ने दावा किया कि उनके पूर्ववर्ती के भाषण को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था।
नागेंद्रन ने कहा, ‘‘इसका उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।’’
किसी भी कड़वाहट की गुंजाइश को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों दलों के कार्यकर्ता पहले ही हाथ मिला चुके थे और बाद में भाजपा एवं अन्नाद्रमुक के नेताओं ने हाथ मिलाया।
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में जोर देकर कहा कि राजग का लक्ष्य तमिलनाडु में सत्ता हासिल करना और ‘‘जनविरोधी द्रमुक के शासन को हटाना’’ है और बाकी सबकुछ बाद में किया जा सकता है।
नागेंद्रन 2001 से 2006 तक अन्नाद्रमुक शासन के दौरान मंत्री थे और उन्होंने परिवहन, बिजली एवं उद्योग विभाग का कार्यभार संभाला था।
विधायक के रूप में उनका वर्तमान कार्यकाल (2021 से) उनका तीसरा कार्यकाल है और भाजपा विधायक के रूप में उनका पहला कार्यकाल है। 2001 और 2011 में उन्होंने विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। वह 26 अगस्त, 2017 को नयी दिल्ली में अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए थे।
भाषा सुरभि नेत्रपाल