वक्फ अधिनियम: इल्तिजा ने नेकां पर कश्मीरी मुसलमानों को निराश करने का लगाया आरोप
राजकुमार सुरेश
- 15 Apr 2025, 04:31 PM
- Updated: 04:31 PM
(फाइल फोटो के साथ)
श्रीनगर, 15 अप्रैल (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर के सत्तारूढ़ दल नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) पर वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ आवाज नहीं उठाकर देश के मुसलमानों को ‘‘निराश’’ करने का आरोप लगाया।
इल्तिजा मुफ्ती ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘फारूक अब्दुल्ला को हमें बताना चाहिए कि उनकी पार्टी ने वक्फ विधेयक के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव क्यों नहीं लाया, जबकि जम्मू-कश्मीर भारत का एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केवल जम्मू-कश्मीर के मुसलमान ही नहीं, बल्कि देश के बाकी हिस्सों के मुसलमान भी हमारी ओर देख रहे हैं, लेकिन इस सरकार एवं नेकां ने उन्हें बुरी तरह निराश किया है।’’
इल्तिजा नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की टिप्पणी का जवाब दे रही थीं, जिन्होंने सोमवार को पीडीपी पर ‘औकाफ’ को राज्य वक्फ बोर्ड में बदलने का आरोप लगाया था।
अब्दुल्ला ने 2003 में पीडीपी संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद के मुख्यमंत्री रहने के दौरान जम्मू-कश्मीर मुस्लिम औकाफ ट्रस्ट को राज्य के स्वामित्व वाले जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड में बदलने का जिक्र करते हुए कहा था, ‘‘औकाफ को राज्य वक्फ बोर्ड में किसने बदल दिया? यह यहां रहने वाले मुसलमानों की संपत्ति थी।’’
हालांकि, इल्तिजा मुफ्ती ने वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में ‘बात न करने’ को लेकर नेकां की आलोचना की और सत्तारूढ़ पार्टी पर ‘सत्ता के भूखे’ होने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘आप मुसलमानों के बारे में बात नहीं करना चाहते हैं। आप (अनुच्छेद) 370 (को हटाए जाने) और इसके बाद मुसलमानों के साथ जो भी गलत हुआ, उसे सामान्य बातें बताने में लगे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि वक्फ (संशोधन कानून) मुस्लिम-विरोधी है, इसे मुसलमानों को कमजोर करने के लिए लाया गया है। नेकां इस बारे में बात भी नहीं करना चाहती है, क्योंकि उसे सत्ता की भूख है, उसे सत्ता और कुर्सी चाहिए।’’
औकाफ के बारे में नेकां अध्यक्ष की टिप्पणी पर इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि यह नेकां का ‘सबसे बड़ा दुष्प्रचार’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘उससे पहले, नेशनल कॉन्फ्रेंस नीलामी में नीलाम की गई औकाफ संपत्तियों को अपने लोगों को दे देती थी। वे जो कह रहे हैं, वह दुष्प्रचार है, क्योंकि संशोधन उससे बहुत पहले हो चुका था और सईद ने ऐसा नहीं किया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब्दुल्ला को बताना चाहिए कि उन्होंने अब क्या किया है। उनके बेटे (उमर अब्दुल्ला) 50 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री हैं। कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु ने वक्फ के खिलाफ प्रस्ताव लाने का फैसला किया, हमारे मुख्यमंत्री क्या कर रहे थे?’’
हाल में संपन्न सत्र के आखिरी तीन दिनों में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हुए हंगामे का जिक्र करते हुए इल्तिजा ने कहा कि सरकार ने वक्फ के खिलाफ प्रस्ताव नहीं लाया, क्योंकि नेकां का भाजपा के साथ ‘समझौता’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह (उमर) ट्यूलिप गार्डन में (केंद्रीय मंत्री किरेन) रीजीजू के साथ घूम रहे थे। उनका भाजपा के साथ पहले से ही समझौता है कि वे (नेकां के लोग) न तो वक्फ के बारे में बात करेंगे और न ही इसके खिलाफ कोई प्रस्ताव लाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना कि विधानसभा अध्यक्ष ने सही काम किया, क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन था, बहुत ही आसान बहाना है। ऐसे में तो अनुच्छेद 370 भी न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन आप (नेकां के लोग) कहते रहते हैं कि हम इसके लिए लड़ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि यदि नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक विधानसभाध्यक्ष से नाराज थे तो उन्हें उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए था।
भाषा
राजकुमार