केंद्रीय मंत्री बिट्टू की हत्या की साजिश रचे जाने के आरोप को लेकर प्राथमिकी दर्ज
सुभाष माधव
- 21 Apr 2025, 10:24 PM
- Updated: 10:24 PM
चंडीगढ़, 21 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और अन्य राजनीतिक नेताओं की हत्या की साजिश रचे जाने के आरोप लगाये जाने के एक दिन बाद, पुलिस ने सोमवार को कहा कि इस संबंध में मोगा में मामला दर्ज किया गया है और दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।
बिट्टू ने रविवार को आरोप लगाया था कि कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के नेतृत्व वाले संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े कुछ खालिस्तानी तत्व उन्हें और कुछ अन्य राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं।
व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट से पता चला है कि ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्य खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत एक और साल के लिए हिरासत बढ़ाने को लेकर बिट्टू और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को निशाना बनाने की मंशा रखते हैं।
पंजाब सरकार ने अमृतपाल की हिरासत अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ा दी है।
अमृतपाल (32) असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। 23 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार किए जाने के बाद से उसे रासुका के तहत हिरासत में रखा गया है।
बिट्टू केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं, जिनकी खालिस्तान समर्थक समूहों ने हत्या कर दी थी।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी सोमवार को इस मुद्दे को उठाया और ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े व्हाट्सएप ग्रुप के सभी सदस्यों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
पुलिस उप महानिरीक्षक (फरीदकोट रेंज) अश्विनी कपूर ने कहा कि मोगा के साइबर अपराध पुलिस थाने में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), भारतीय न्याय संहिता और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
कपूर ने कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा रहे दो लोगों-- जिनमें से एक मोगा और दूसरा खन्ना का रहने वाला है -- को पकड़ लिया गया है।
डीआईजी ने कहा कि अब तक चार लोगों की पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप के अन्य सदस्यों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।
अकाली दल के नेता मजीठिया, जो कथित लीक चैट में भी निशाने पर थे, ने मामले की एनआईए से जांच कराने की मांग की।
मजीठिया ने दावा किया कि अमृतपाल एक 'ढोंगी' (पाखंडी) है, न कि 'प्रचारक'।
उन्होंने दावा किया कि अमृतपाल और उसके परिवार ने हमेशा कांग्रेस का समर्थन किया है।
शिअद नेता ने व्हाट्सएप पर हुई बातचीत के कुछ स्क्रीनशॉट भी जारी किए, जिसमें 'वारिस पंजाब दे' के सदस्य यह कहते देखे जा सकते हैं कि वे ‘‘शहीद’’ होने के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर वे हत्याएं करते हैं तो क्या उनके परिवारों की देखभाल की जाएगी।
उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप का एक कथित ऑडियो क्लिप भी जारी की, जिसमें एक महिला को इसके सदस्यों को भड़काते हुए सुना जा सकता है।
मजीठिया ने कहा कि उन्होंने सिद्धांतों के आधार पर अमृतपाल का विरोध किया था, खासकर जब अमृतपाल ने 2023 में अपने एक समर्थक को छुड़ाने के लिए अजनाला पुलिस थाने पर हमला करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब का कवच के रूप में इस्तेमाल किया था।
मजीठिया ने कहा, ‘‘यही कारण है कि अब मुझे निशाना बनाया जा रहा है।’’
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