सिविल सेवा परीक्षा में चुने गए अभ्यर्थियों ने दृढ़ता, रणनीतिक दृष्टिकोण को बताया सफलता का मंत्र
ब्रजेन्द्र खारी
- 22 Apr 2025, 10:11 PM
- Updated: 10:11 PM
भोपाल, 22 अप्रैल (भाषा) संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा में इस साल रैंक हासिल करने वाले मध्यप्रदेश के अभ्यर्थियों ने लक्ष्य के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता, रणनीतिक दृष्टिकोण और कड़ी मेहनत के साथ परिवार के सदस्यों के समर्थन को अपनी सफलता का मंत्र बताया।
सिविल सेवा परीक्षा 2024 में मध्यप्रदेश के कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा में उल्लेखनीय स्थान हासिल किया है।
इनमें भोपाल के क्षितिज शर्मा ने अपने दूसरे प्रयास में 58वां और बालाघाट के फरखंदा कुरैशी ने 67 वां रैंक हासिल किया। गुना के मानव मोदी ने 388 वां, खंडवा की रूपल जायसवाल ने 512वां और गुना की देवांगी मीणा ने 764वां स्थान हासिल किया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सफल अभ्यर्थियों को बधाई दी और आशा व्यक्त की है कि वे समाज और राष्ट्र के विकास में सार्थक योगदान देंगे।
भोपाल के क्षितिज शर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया। पहले 2023 में वह भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के लिए चुने गए थे।
विधि से स्नातक शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं रोजगार पैदा करने के क्षेत्र में काम करना चाहता हूं, खासकर युवाओं के लिए। मेरी मां ने इस उपलब्धि में एक प्रमुख भूमिका निभाई।’’
गुना के मानव मोदी ने 388 वीं रैंक हासिल की है और वह भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में शामिल होने की इच्छा रखते हैं। हालांकि, वह आईएएस अधिकारी बनने के लिए भविष्य के प्रयासों के जरिए अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए दृढ़ हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक मानव ने क्राइस्ट स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और ऑनलाइन संसाधनों तथा दोस्तों के सहयोग से स्वतंत्र रूप से परीक्षा की तैयारी की।
उन्होंने अपनी सफलता को अपने दिवंगत दादा, माता-पिता, मित्रों और शिक्षकों को समर्पित करते हुए फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह सपने के सच होने जैसा है।’’
कुंभराज निवासी देवांगी मीणा ने बताया कि मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार चरण में यह उनका पहला प्रयास था। वह रणनीतिक रूप से दिन में लगभग आठ घंटे अध्ययन करती थीं।
उनके पिता लीलाधर मीणा, नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड में कार्यरत हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देवांगी को फोन पर बधाई दी और उन्हें दिल्ली आने का न्योता दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘तुमने चमत्कार किया है। यह शानदार प्रदर्शन है। आपने हमारा झंडा ऊंचा कर दिया है।’’
खंडवा की रूपल जायसवाल वकील से अब लोक सेवक बनने जा रही हैं। यूपीएससी की तैयारी पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने के लिए दो साल पहले उन्होंने एक कानूनी फर्म की नौकरी छोड़ दी।
उन्होंने कहा, ‘‘कड़ी मेहनत के बिना इस परीक्षा में पास होना संभव नहीं है। परीक्षा में क्या पूछा जाएगा यह अप्रत्याशित है, लेकिन दृढ़ता से सफलता मिलती है।’’
रूपल ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में पास होने की अपनी यात्रा को याद किया और इसका श्रेय अपने परिवार से मिले अटूट समर्थन को दिया।
मुख्यमंत्री यादव ने एक बयान में कहा, ‘‘यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2024 में चयनित मध्यप्रदेश सहित देशभर के सभी प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सफलता आपके अथक परिश्रम, धैर्य और समर्पण का परिणाम है। आशा है कि आप सभी संवेदनशीलता, ईमानदारी और समर्पण के साथ जनसेवा के पवित्र मार्ग पर आगे बढ़कर समाज और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’’
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और अन्य केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों के चयन के लिए सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों - प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार, में आयोजित की जाती है।
प्रारंभिक परीक्षा 16 जून 2024 को आयोजित की गई थी, जिसमें 9,92,599 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था और 5,83,213 उपस्थित हुए थे। सितंबर में आयोजित मुख्य परीक्षा के लिए कुल 14,627 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए, जिनमें से 2,845 अभ्यर्थी सात जनवरी से 17 अप्रैल 2025 तक आयोजित साक्षात्कार चरण में पहुंचे।
इस साल, यूपीएससी ने विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए 725 पुरुष और 284 महिल सहित कुल 1,009 उम्मीदवारों की सिफारिश की है।
भाषा ब्रजेन्द्र