लद्दाख पर्यटन के लिए सुरक्षित; हितधारकों ने ‘भ्रामक’ यात्रा परामर्श हटाने की मांग की
आशीष पवनेश
- 23 Apr 2025, 08:25 PM
- Updated: 08:25 PM
लेह, 23 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद बुकिंग रद्द होने से चिंतित पड़ोसी लद्दाख के पर्यटन हितधारकों ने बुधवार को विदेशी और घरेलू पर्यटकों को केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षित यात्रा का आश्वासन दिया।
उन्होंने ‘‘भ्रामक’’ यात्रा परामर्श को हटाने की भी मांग की। आतंकवादियों ने मंगलवार दोपहर पहलगाम में गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे बड़ा हमला था।
आतंकी हमले के विरोध में लद्दाख में बंद का आह्वान किया गया। शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश में बौद्ध, मुस्लिम और ईसाई समुदायों के अलावा व्यापार और पर्यटन संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से मोमबत्ती जुलूस का आयोजन किया जा रहा है।
‘‘आतंकवाद मुक्त’’ लद्दाख क्षेत्र को 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य से अलग कर दिया गया था। दोनों को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था।
‘ऑल लद्दाख होटल एवं गेस्ट हाउस एसोसिएशन’ के अध्यक्ष रिग्जिन वांगमो लाचिक ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा जारी नवीनतम यात्रा परामर्श में लद्दाख को जम्मू-कश्मीर के अंतर्गत रखा गया है, जिससे इस क्षेत्र में आने की योजना बना रहे विदेशी और घरेलू पर्यटकों में भ्रम और चिंता पैदा हो रही है।
लाचिक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने लद्दाख के मुख्य सचिव पवन कोतवाल को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वे इस मामले को विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाएं, ताकि पर्यटन के मौसम की शुरुआत में क्षेत्र को यात्रा परामर्श के नकारात्मक प्रभाव से बचाया जा सके।’’
एसोसिएशन ने जम्मू-कश्मीर में हुए ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण आतंकवादी हमले’’ की कड़ी निंदा की और कहा कि वह अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के सभी प्रयासों का समर्थन करता है।
पत्र में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि इस तरह के परामर्श में लद्दाख को शामिल करना ‘‘पुरानी या गलत तरीके से प्रस्तुत की गई जानकारी’’ पर आधारित प्रतीत होता है और यह क्षेत्र की वर्तमान वास्तविकता को नहीं दर्शाता है।
पहलगाम की घटना के नतीजों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘लद्दाख सभी यात्रियों के लिए शांतिपूर्ण, सुरक्षित और मेहमाननवाजी वाला गंतव्य बना हुआ है।’’
लाचिक ने कहा, ‘‘हम पहले ही कई मेहमानों को अपनी यात्रा रद्द करते हुए देख रहे हैं, जो गलती से लद्दाख को अशांति वाले क्षेत्रों से जोड़ रहे हैं।’’
लेह और कारगिल दोनों जगहों पर सभी दुकानें तथा व्यापारिक प्रतिष्ठान आतंकी हमले के विरोध में बंद रहे। लोगों के समूह ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
जमीयत-उल-उलेमा इस्ना अशरिया कारगिल के अध्यक्ष शेख नजीर मेहदी मोहम्मदी ने कहा, ‘‘इस तरह के हमले मानवता के लिए खतरा हैं और सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए, चाहे वे किसी भी क्षेत्र या धर्म के हों।’’
उन्होंने कहा कि आतंकवाद, चाहे कश्मीर में हो या कहीं और, एक ऐसी समस्या है जो मुख्य रूप से निर्दोष लोगों को निशाना बनाती है।
उन्होंने घातक हमले के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते हुए कहा, ‘‘यह सभी शांतिप्रिय लोगों की जिम्मेदारी है कि वे एकजुट होकर हिंसा के ऐसे कृत्यों को खारिज करें।’’
भाषा आशीष