उत्तराखंड: बुधवार से शुरू होगी चारधाम यात्रा, तैयारियां पूरी
दीप्ति जितेंद्र
- 29 Apr 2025, 06:46 PM
- Updated: 06:46 PM
देहरादून, 29 अप्रैल (भाषा) उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट छह माह बंद रहने के बाद अक्षय तृतीया के पर्व पर बुधवार को फिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी हालांकि केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट क्रमश: दो मई और चार मई को खोले जाएंगे।
उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था से लेकर अन्य सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में अपार उत्साह नजर आ रहा है और अब तक देश-विदेश के 22 लाख से अधिक श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं।
उत्तरकाशी जिले में देवी गंगा की मूर्ति को मंगलवार दोपहर 12 बजे उनके शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए डोली में रवाना किया गया।
पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल दमाउ, सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों और मां गंगा के जयकारों के बीच स्थानीय ग्रामीणों ने देवी की मूर्ति को बेटी की तरह नम आंखों के साथ गंगोत्री के लिए विदा किया।
तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवााल ने बताया कि भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम करने के बाद बुधवा सुबह डोली गंगोत्री धाम पहुंचेगी।
उन्होंने बताया कि पूर्वह्वा साढ़े 10 बजे मंदिर के कपाट खोले जाएंगे, जहां अगले छह माह तक श्रद्धालु देवी गंगा के दर्शन कर सकेंगे।
सोमवाल ने बताया कि देवी गंगा की डोली कुल 25 किलोमीटर पैदल यात्रा कर धाम पहुंचती है।
यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि देवी यमनुा की डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल खुशीमठ से बुधवार सुबह यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी और विधिवत पूजा अर्चना के बाद 11 बजकर 55 मिनट पर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
इस बीच, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने ऋषिकेश पहुंचकर चारधाम यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
सेठ ने ऋषिकेश में मीडिया से बातचीत में बताया कि कश्मीर के पहलगाम की आतंकी घटना के मद्देनजर चारधाम यात्रा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
उन्होंने बताया, “हम यात्रियों को सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेंगे।”
अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए 6000 पुलिसकर्मी , 17 पीएसी कंपनी और केंद्र की तरफ से भेजी गई 10 कंपनी सुरक्षा बलों को चारधाम और यात्रा मार्गों पर तैनात करने की व्यवस्था की गयी है।
उन्होंने श्रद्धालुओं से बिना किसी चिंता के तीर्थयात्रा करने को कहा।
सेठ ने बताया कि पूरे यात्रा क्षेत्र को इस बार 15 ‘सुपर जोन’ में बांटा गया है, जिसमें करीब 2000 से अधिक ‘क्लोज सर्किट कैमरे’ लगाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जन सुरक्षा के साथ- साथ उत्तराखंड पुलिस का ध्यान यातायात व्यवस्था को सुचारू करने पर भी होगा।
अधिकारी ने बताया कि एहतियात के तौर पर खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय रहेंगी और संदिग्धों पर निगरानी रखी जाएगी।
पुलिस महानिदेशक ने ट्रांजिट कैंप ऋषिकेश में यात्रियों से बातचीत कर उनकी प्रतिक्रिया ली।
भाषा दीप्ति