पंजाब के अमृतसर में नकली शराब पीने से 21 लोगों की मौत, डीएसपी और एसएचओ निलंबित
योगेश नेत्रपाल
- 14 May 2025, 12:04 AM
- Updated: 12:04 AM
चंडीगढ़/अमृतसर, 13 मई (भाषा) पंजाब में अमृतसर जिले के मजीठा इलाके में कथित तौर पर नकली शराब पीने से कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई और 10 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि कथित सरगना समेत दस लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि पुलिस उपाधीक्षक (मजीठा) अमोलक सिंह और मजीठा थाने के प्रभारी अवतार सिंह को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा आबकारी विभाग के दो अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है।
इस घटना के लिए आप सरकार की कड़ी आलोचना की गई और विपक्ष ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे की मांग की। राज्य सरकार ने कहा कि अधिकतर दोषियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का संकल्प लिया गया है।
मुख्यमंत्री मान ने कहा, ‘‘ये मौतें नहीं, बल्कि हत्याएं हैं।’’
उन्होंने प्रभावित गांवों का दौरा किया और मृतकों के परिवारों को सांत्वना दी।
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि नकली शराब बनाने के लिए इस्तेमाल ‘मेथेनॉल’ थोक में ऑनलाइन खरीदा गया था।
‘मेथनॉल’ एक हल्का, रंगहीन कार्बनिक रासायनिक यौगिक है, जिसे अकसर अवैध रूप से मादक पेय पदार्थों में ‘इथेनॉल’ के सस्ते विकल्प के रूप में मिलाया जाता है।
मान ने कहा कि उनकी सरकार नकली शराब की बिक्री के जघन्य अपराध के लिए किसी को भी नहीं बख्शेगी, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।
उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की और कहा कि राज्य सरकार मृतकों के बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च वहन करेगी।
उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में इन परिवारों को नौकरी व अन्य सुविधाओं के रूप में हरसंभव सहायता भी दी जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि अमृतसर ग्रामीण के मजीठा और कथुनांगल पुलिस थानों में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और 103 (हत्या) तथा आबकारी अधिनियम और एससी/एसटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सोमवार रात नकली शराब पीने से भंगली, पातालपुरी, मरारी कलां, तलवंडी खुम्मन, करनाला, भंगवान और थेरेवाल के गांवों में लोगों की मौत की सूचना है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि मजीठा क्षेत्र के गांवों में निर्दोष ग्रामीणों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ये मौत नहीं, बल्कि हत्याएं हैं।’’
पंजाब में विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा और उस पर शराब माफिया को नियंत्रित करने में ‘‘विफल’’ रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने मान और आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा के इस्तीफे की भी मांग की।
इस बीच, ग्रामीणों ने मरारी कलां निवासी और परिवार के इकलौते कमाने वाले तस्बीर सिंह की दुखी मां और बेटी को सांत्वना दी, जिनकी नकली शराब पीने से मौत हो गई।
मृतकों में 38 वर्षीय रोमी भी शामिल हैं, जिनके तीन बच्चे हैं। रोमी के रिश्तेदार जैकी ने कहा, ‘‘उनकी सबसे बड़ी बेटी सिर्फ आठ साल की है। उनके पास घर नहीं है और उनकी पत्नी अनपढ़ है। उनकी देखभाल कौन करेगा? सरकार ने वित्तीय सहायता का आश्वासन दिया है, लेकिन और भी कुछ किया जाना चाहिए।’’
जैकी ने इस दर्दनाक घटना को याद करते हुए कहा, ‘‘शराब पीने के बाद मंगलवार की सुबह रोमी को दस्त की समस्या हो गई और जल्द ही उसका शरीर अकड़ गया। उसे अस्पताल ले जाने से पहले ही सब कुछ खत्म हो चुका था।’’
अस्पताल में भर्ती दविंदर सिंह ने बताया कि उसने हमेशा की तरह शराब की थैली ली थी, लेकिन पीने के बाद उसे चक्कर आने लगा।
उधर, अमृतसर जिला प्रशासन ने कई मेडिकल टीम तैनात की हैं जो प्रभावित गांवों में घर-घर जाकर उन लोगों की जांच कर रही हैं जिन्होंने संभवतः नकली शराब पी थी।
राज्य में एक साल से भी कम समय में नकली शराब के सेवन से हुई मौत का यह दूसरा मामला है।
मार्च 2024 में संगरूर जिले में नकली शराब के सेवन से 20 लोगों की जान चली गई थी। 2020 में तरनतारन, अमृतसर और बटाला में नकली शराब पीने के कारण कुल 120 लोगों की मौत हुई थी।
पंजाब में विपक्षी दलों ने आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शराब त्रासदी आप सरकार के नशा विरोधी अभियान 'युद्ध नशा विरुद्ध' के "खोखलेपन" और शराब माफिया को नियंत्रित करने में विफलता को दर्शाती है।
पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने कहा कि उन्होंने अवैध शराब व्यापार और मेथनॉल के मुख्य आपूर्तिकर्ताओं के संबंध में कथित "रैकेट के सरगना" साहिब सिंह सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मेथनॉल के कथित मुख्य आपूर्तिकर्ताओं की पहचान लुधियाना के सुख एन्क्लेव में साहिल केमिकल्स के मालिक पंकज कुमार उर्फ साहिल और अरविंद कुमार के रूप में की गई है।
पुलिस ने स्थानीय वितरकों - जिनकी पहचान प्रभजीत सिंह और कुलबीर सिंह के रूप में हुई है - और स्थानीय विक्रेताओं निंदर कौर, साहिब सिंह, गुरजंत सिंह, अरुण उर्फ काला और सिकंदर सिंह उर्फ पप्पू को भी गिरफ्तार किया है।
इससे पहले दिन में, पुलिस उपमहानिरीक्षक (बॉर्डर रेंज) सतिंदर सिंह और जालंधर ग्रामीण वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मनिंदर सिंह के साथ उपायुक्त (डीसी) साक्षी साहनी ने प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात भी की।
साहनी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें जैसे ही इसके (नकली शराब त्रासदी) बारे में जानकारी मिली, हमने तुरंत मेडिकल टीम तैनात कर दी। हमारी टीम घर-घर जाकर लोगों से मिल रही हैं। भले ही शराब का सेवन करने वालों में लक्षण नहीं हैं, लेकिन हम जोर दे रहे हैं कि उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाए।’’
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सिंह ने कहा कि मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह को 50 लीटर ‘मेथनॉल’ की आपूर्ति मिली थी जिसे उसने हल्का मिश्रण बनाकर दो-दो लीटर के पैकेट में लोगों को बेचा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम हर पैकेट का पता लगा रहे हैं और उसे जब्त कर रहे हैं।’’
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी से पूछताछ में पता चला कि साहिब सिंह नामक व्यक्ति ने ‘मेथनॉल’ का ऑनलाइन ऑर्डर दिया और फिर उसे वितरित किया।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि मेजर सिंह की मां की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे क्योंकि वह इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रही थीं कि उनका 45 वर्षीय बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा।
उन्होंने बताया कि मारारी कलां निवासी सिंह (45) उन 21 लोगों में शामिल था, जिनकी पंजाब के अमृतसर के मजीठा में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से मौत हो गई।
रोते हुए सिंह की ने कहा, ‘‘वह परिवार का कमाने वाला था। वह चला गया। अब हम क्या करें?"
उन्होंने बताया कि उनका बेटा दिहाड़ी मजदूर था।’’
मेजर सिंह की पत्नी राजवंत कौर ने बताया कि शराब पीने के थोड़ी देर बाद उनके पति के मुंह से झाग निकलने लगा और हालत बिगड़ती चली गई।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझ नहीं पाई कि क्या हो रहा है। जब देखा कि हालत खराब है, तो शोर मचाया।’’
सिंह के छोटे भाई सुखदेव सिंह ने कहा कि जब वे उसे मजीठा अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे, तब तक वह बेसुध हो चुका था और रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
भाषा योगेश