बंगाल: पाकिस्तान की हिरासत से रिहाई के बाद बीएसएफ जवान के गृहनगर में खुशी का माहौल
अमित मनीषा
- 14 May 2025, 05:17 PM
- Updated: 05:17 PM
रिशड़ा (पश्चिम बंगाल), 14 मई (भाषा) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को पाकिस्तानी प्राधिकारियों द्वारा रिहा करने की सूचना मिलने के बाद पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशड़ा के लोगों में खुशी का माहौल है।
पाकिस्तान के अधिकारियों द्वारा सुबह करीब 10.30 बजे अटारी-वाघा सीमा पर बीएसएफ कांस्टेबल को भारतीय अधिकारियों को सौंपने की घोषणा के बाद शॉ के घर और पड़ोस में जश्न का माहौल बन गया।
शॉ के घर पर प्रार्थनाओं और मिठाइयों के वितरण के बीच जवान के परिवार के सदस्य अपनी खुशी के आंसू नहीं रोक पाए।
पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद 23 अप्रैल को शॉ फिरोजपुर सेक्टर में अभियान संबंधी ड्यूटी करते हुए अनजाने में पाकिस्तान के क्षेत्र में चले गए थे और पाक रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया था। उसके बाद के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष बढ़ने के बाद उनके परिवार और पड़ोसियों की चिंता और बढ़ गई।
शॉ की गर्भवती पत्नी रजनी अपने पति की रिहायी के लिए व्यक्तिगत रूप से अपील करने के लिए पठानकोट और फिरोजपुर भी गई थीं। उन्होंने देशवासियों और नेताओं को धन्यवाद दिया, जो कठिन समय में उनके साथ खड़े रहे।
रजनी ने कहा, "स्थानीय पार्षद, सांसद और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार मेरे संपर्क में थे और मुश्किल दिनों में मुझे भरोसा दिलाते रहे। मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देती हूं जो हमारे परिवार के साथ खड़े रहे।"
जवान के पिता भोलानाथ शॉ ने कहा, ‘‘आज हम जश्न मना रहे हैं। हम कई दिनों से चैन से सो नहीं पाए हैं, लेकिन अब हमने आखिरकार राहत की सांस ली है। वह (पूर्णम) सुरक्षित है, वह भारत वापस आ गया है और यही सबसे बड़ी बात है।’’
भोलानाथ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर कहा, ‘‘कल रात हमें सूचना मिली कि उसे (पूर्णम) आज रिहा किया जा सकता है। आज सुबह बीएसएफ मुख्यालय ने हमें बताया कि उसे सुबह करीब 10:30 बजे भारत को सौंप दिया गया है। हमें बताया गया है कि हम बाद में उससे फोन पर बात कर पाएंगे।’’
जवान के पिता ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केंद्र सरकार और बीएसएफ अधिकारियों को मेरे बेटे को वापस घर लाने के लिए उनके अथक प्रयासों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं अब बस अपने बेटे को गले लगाना चाहता हूं।"
इससे पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पाकिस्तान की हिरासत से 21 दिन बाद बीएसएफ कांस्टेबल की रिहायी का स्वागत किया और कहा कि जवान की वापसी सुनिश्चित करने के प्रयासों के दौरान वह लगातार उसके परिवार के संपर्क में रहीं।
भाषा अमित