बंगाल शिक्षा मुख्यालय के बाहर पुलिस और प्रदर्शनकारी शिक्षकों के बीच झड़प, कई घायल
रंजन रंजन अविनाश
- 15 May 2025, 11:05 PM
- Updated: 11:05 PM
कोलकाता, 15 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग के साल्ट लेक स्थित मुख्यालय विकास भवन के आसपास का इलाका बृहस्पतिवार को देर शाम एक तरह से युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया, जहां प्रदर्शनकारी स्कूली शिक्षकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं।
सरकारी भवन के सामने घेराव करने वाले प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने कथित तौर पर लाठीचार्ज किया।
पुलिस की कार्रवाई के बाद कई शिक्षक घायल हो गये, जिनमें पुरुष और महिलाएं शामिल हैं। पुलिस की कार्रवाई एक घंटे से अधिक समय तक जारी रही। कुछ प्रदर्शनकारियों के सिर एवं अन्य हिस्सों से खून रिसता देखा गया।
हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए और उनमें से कुछ को उनके सहयोगी वहां से ले गये।
पिछले महीने अदालत के आदेश के बाद अपनी नौकरी गंवाने वाले शिक्षक दोपहर से ही बहाली की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में हजारों नियुक्तियों को अदालत ने रद्द कर दिया है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रात करीब आठ बजे तनाव बढ़ गया जब अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया और लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने का प्रयास किया गया।
पुलिस ने कथित तौर पर तब कार्रवाई की जब शिक्षकों के धरना प्रदर्शन के मद्देनजर विकास भवन परिसर के अंदर फंसे शिक्षा विभाग के कर्मचारी प्रदर्शनकारियों के कारण बाहर नहीं निकल सके ।
शिक्षकों ने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें घसीटा गया, कुछ लोग इसका विरोध करने के लिए सड़क पर लेट गए।
कई प्रदर्शनकारियों को भवन परिसर के अंदर से उनके कॉलर पकड़ कर घसीटते हुए और पुलिस वाहनों में धकेलते हुए देखा गया।
त्वरित कार्य बल (आरएएफ) कर्मियों की सहायता से सरकारी भवन के अंदर से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए बल प्रयोग किया गया। बड़ी संख्या में शिक्षकों ने अंदर प्रवेश कर नाकाबंदी कर दी थी।
इससे पहले, कुछ प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर एक गेट को तोड़ दिया और विकास भवन के परिसर में घुस गए, जिससे अराजकता फैल गई।
राज्य सरकार के सौ से अधिक कर्मचारी अंदर फंस गए जिन्हें बाद में पुलिस ने बाहर निकाला।
प्रदर्शनकारियों में से एक महबूब मंडल ने कहा, ‘‘हम नयी परीक्षा नहीं देंगे। हमारी मांग स्पष्ट है - हमारी नौकरियां बहाल होनी चाहिए। हम तब तक नहीं जाएंगे जब तक मुख्यमंत्री खुद हमसे बात नहीं करतीं।’’
एक अन्य शिक्षक ने कहा, ‘‘पहले वे संस्थागत भ्रष्टाचार का सहारा लेकर हमारी नौकरियां छीन लेते हैं। फिर वे हमारा खून बहाने के लिए हम पर पुलिस बल उतार देते हैं।’’ शिक्षक की कमीज हाथापाई में फट गई थी।
पत्रकारों से बात करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘पुलिस अपना काम कर रही है। उच्च अधिकारी बयान देंगे।’’
बिधाननगर के पुलिस आयुक्त मुकेश ने कहा, ‘‘हमने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए न्यूनतम बल प्रयोग किया है।’’
भाषा रंजन रंजन