भाकपा नेताओं ने अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष से मिलकर गंजाम में जातिगत उत्पीड़न का मामला उठाया
शोभना
- 30 Jun 2025, 08:28 PM
- Updated: 08:28 PM
नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रामकृष्ण पांडा के साथ सोमवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष किशोर मकवाना से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपकर ओडिशा के गंजाम में हुई जातिगत उत्पीड़न की भयावह घटना पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
यहां जारी एक बयान में भाकपा ने कहा कि वह ‘गंजाम से लेकर इटावा, मेरठ, बलिया और बुलंदशहर तक जातिगत हिंसा के बढ़ते चलन पर चिंता जताती है - जहां दलितों को केवल अपने मूल अधिकारों के प्रति मुखर होने पर दंडित किया जा रहा है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘पार्टी ने पीड़ितों के लिए तत्काल कानूनी कार्रवाई, सुरक्षा और मुआवजे, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के सख्त प्रवर्तन और दंड से बचने की संस्कृति को समाप्त करने के लिए संरचनात्मक सुधारों की मांग की।’’
इसमें कहा गया है कि ओडिशा के गंजाम जिले के धारकोटे ब्लॉक की घटना की ओर विशेष रूप से ध्यान आकृष्ट किया गया, जहां दो दलित व्यक्तियों को कथित रूप से निर्वस्त्र कर दिया गया, उनके बाल मुंडवा दिए गए, उनके साथ क्रूरतापूर्वक मारपीट की गई तथा उन्हें घास खाने और नाली का पानी पीने के लिए मजबूर किया गया। बयान में कहा गया है कि ‘‘यह अमानवीय कृत्य पूरे समुदाय को अपमानित करने और आतंकित करने के लिए किया गया।’’
इसमें कहा गया, ‘‘ यह कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में जाति आधारित हिंसा के बढ़ते चलन का हिस्सा है। पार्टी ने उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए मामलों की ओर इशारा किया - जिसमें इटावा में एक दलित परिवार का सार्वजनिक अपमान, बुलंदशहर में एक दलित महिला को एसयूवी से जानबूझकर कुचलना, मेरठ में एक बारात पर हिंसक हमले और बलिया में किया गया जातिवादी हमला शामिल है।’’
भाकपा ने इसे दलित समुदायों की सुरक्षा में व्यवस्थागत विफलता का स्पष्ट संकेत करार दिया।
वामपंथी पार्टी ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को प्रभावी तरीके से और तत्परता के साथ लागू करने में संस्थानों की विफलता और व्यापक रूप से लोगों के दंड से बचने पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
भाकपा ने मांग की कि आयोग कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत गंजाम मामले में तत्काल कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करे, पीड़ितों को मुआवजा और सुरक्षा प्रदान करे और न्याय मिलने तक जांच की निगरानी करे।
बयान में कहा गया कि एनसीएससी अध्यक्ष ने भाकपा नेताओं को गंजम मामले में शीघ्र जांच और उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया।
पिछले सप्ताह गंजाम में दो दलित व्यक्तियों के मवेशी तस्कर होने के संदेह में बाल मुंडवा दिए गए, उनके साथ मारपीट की गई, उन्हें घुटनों के बल चलने और घास खाने तथा नाली का पानी पीने के लिए मजबूर किया गया।
ओडिशा पुलिस ने इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी राजेश सामल भी शामिल है। भाषा संतोष