शुभांशु शुक्ला शुक्रवार को स्कूली छात्रों और इसरो के अभियंताओं से बातचीत करेंगे
संतोष नरेश
- 30 Jun 2025, 09:57 PM
- Updated: 09:57 PM
नई दिल्ली, 30 जून (भाषा) अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला शुक्रवार शाम को ‘हैम रेडियो’ के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने कक्षीय पोस्ट से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों और स्कूली छात्रों के साथ बातचीत करेंगे।
‘अमैच्योर रेडियो ऑन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन’ (एआरआईएसएस) ने कहा कि यह बातचीत बेंगलुरु में यूआर राव उपग्रह केंद्र में स्थापित एक टेलीब्रिज के माध्यम से की जाएगी, जो स्कूली छात्रों को कक्षीय प्रयोगशाला में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ बातचीत की सुविधा प्रदान करता है।
शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 14 दिवसीय वैज्ञानिक अभियान पर हैं।
एआरआईएसएस कार्यक्रम दुनिया भर के छात्रों को आईएसएस पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अमैच्योर रेडियो संचार सुविधा के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में रुचि और करियर बनाने के लिए प्रेरित करता है।
एआरआईएसएस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत से संपर्क होने वाला है! एक्सिओम अंतरिक्ष मिशन के चालक दल के सदस्य शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष स्टेशन से हैम रेडियो के जरिए कर्नाटक में स्थित यूआर राव उपग्रह केंद्र (यूआरएससी) से बात करेंगे। शुक्रवार चार जुलाई को ‘ग्रीनविच मीन टाइम’ के अनुसार 10:17 बजे, ईस्टर्न टाइम जोन के अनुसार 6:17 एएम पर, 3:47 पीएम आईएसस पर के6डीयूई टेलीब्रिज के जरिए बात होगी।’’
हैम रेडियो, जिसे आधिकारिक तौर पर अमैच्योर रेडियो के रूप में जाना जाता है, लाइसेंस प्राप्त उत्साही लोगों द्वारा संचालित एक गैर-वाणिज्यिक रेडियो-संचार सेवा है और इसे आपदाओं के दौरान संचार का एक विश्वसनीय तरीका माना जाता है, जब संचार के पारंपरिक तरीके उपलब्ध नहीं होते हैं।
इस बीच शुक्ला रविवार को अंतरिक्ष सूक्ष्म शैवाल प्रयोग करने में व्यस्त थे। उन्होंने सैंपल बैग तैनात किए और आईएसएस पर अपने कक्षीय पोस्ट में शैवाल उपभेदों की तस्वीरें खींचीं।
‘एक्सिओम स्पेस’ ने कहा, ‘‘ये छोटे जीव अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, जो लंबी अवधि के मिशनों के लिए एक टिकाऊ, पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य स्रोत प्रदान करते हैं।’’
एक्सिओम-4 चालक दल ने ‘न्यूरो मोशन वीआर’ परियोजना के लिए भी डेटा एकत्र किया, जहां अंतरिक्ष यात्री वीआर हेडसेट पहनते हैं और ध्यान-आधारित कार्य करते हैं, जबकि उनकी मस्तिष्क संबंधी गतिविधि की निगरानी कार्यात्मक निकट-अवरक्त स्पेक्ट्रोस्कोपी (एफएनआईआरएस) का उपयोग करके की जाती है।
भाषा संतोष