दिव्यांगजनों के लिए कौशल विकास योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के वास्ते अब आधार कार्ड अनिवार्य: सरकार
देवेंद्र मनीषा
- 09 Jul 2025, 04:23 PM
- Updated: 04:23 PM
नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) केंद्र ने दिव्यांगजनों के लिए कौशल विकास योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए अपना आधार कार्ड का नंबर देना या इसके वास्ते आवेदन करने का प्रमाण देना अनिवार्य कर दिया है।
साथ ही, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि आधार न होने या प्रमाणीकरण नहीं हो पाने के कारण किसी भी पात्र बच्चे को लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा।
एक राजपत्र अधिसूचना में मंत्रालय ने कहा कि योजना के तहत नकद लाभ प्राप्त करने के लिए आधार प्रमाणीकरण आवश्यक है, जिसमें परिवहन भत्ता, भोजन और आवास, परिवहन और नियुक्ति के बाद सहायता शामिल है।
दिव्यांगजनों के कौशल विकास के लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) ने मार्च 2015 में राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी-एसडीपी) शुरू की थी। यह एक केंद्रीय योजना है।
इसका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के कौशल को बढ़ाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे वे सार्थक रोजगार प्राप्त कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी पात्र व्यक्ति के पास आधार संख्या नहीं है तो उसे नामांकन के लिए आवेदन करना होगा।
बच्चों के लिए ऐसा आवेदन माता-पिता या कानूनी अभिभावक की सहमति से किया जाना चाहिए।
जब तक आधार जारी नहीं किया जाता, लाभार्थी जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड समेत निर्दिष्ट वैकल्पिक दस्तावेजों का इस्तेमाल करके अपनी पहचान स्थापित कर सकते हैं।
मंत्रालय ने अपनी कार्यान्वयन एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे सुगम्य स्थानों पर आधार नामांकन केंद्र स्थापित करें या स्वयं रजिस्ट्रार बनें, ताकि दिव्यांगजनों के लिए नामांकन और अद्यतन की सुविधा उपलब्ध हो सके।
जागरूकता बढ़ाने के लिए मंत्रालय लाभार्थियों को आधार की आवश्यकता के बारे में जानकारी देने के लिए एक मीडिया अभियान भी चलाएगा।
एक नामित अधिकारी यूआईडीएआई पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत नामांकन और पहचान दस्तावेजों का सत्यापन करेगा और अन्य सरकारी विभागों से सहायता ले सकता है।
यह अधिसूचना आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से प्रभावी होगी - जो दो जुलाई है।
भाषा
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