उत्तराखंड में ‘हरेला’ की धूम, मुख्यमंत्री धामी ने लगाया रुद्राक्ष का पौधा
दीप्ति जितेंद्र
- 16 Jul 2025, 06:27 PM
- Updated: 06:27 PM
देहरादून, 16 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड में बुधवार को ‘हरेला’ पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यव्यापी पौधारोपण कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए यहां रुद्राक्ष का पौधा लगाया।
मुख्यमंत्री धामी ने यहां ‘गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज’ परिसर में ‘हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में पौधारोपण करने के बाद कहा कि ‘हरेला’ केवल एक पर्व नहीं बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, प्रकृति और चेतना से जुड़ा एक गहरा भाव है, जो पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।
उन्होंने कहा कि हरेला के मौके पर प्रदेश में लगभग पांच लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें सरकार के साथ-साथ समाज के सभी वर्गो जैसे स्वयंसेवी संगठनों, छात्र-छात्राओं, महिला समूहों और पंचायतों ने रिकॉर्ड पौधारोपण करने का संकल्प लिया।
मुख्यमंत्री ने इस लक्ष्य के पूरा होने की उम्मीद जाहिर करते हुए कहा, “पौधे रोपे जाने का यह केवल एक आंकड़ा नहीं है बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ सामूहिक प्रयासों का एक जीवंत उदाहरण है।”
धामी ने कहा कि पौधारोपण करने के बाद असली जिम्मेदारी उसके पेड़ बनने तक देखभाल करना है।
उन्होंने जनता से आग्रह किया, “आज जो भी पौधे हमने लगाए हैं, उन्हें हम अपनी संतानों की तरह पालें और सुनिश्चित करें कि वे बड़े होकर हरे-भरे वृक्ष बनें।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित विकास, प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन ने हमारे पर्यावरणीय संतुलन को बिगाड़ दिया है और इस संकट से निपटने के लिए सामूहिक रूप से पर्यावरण संरक्षण की जरूरत है।
धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जारी ‘पंचामृत संकल्प’, ‘नेट जीरो इमिशन’, ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ और ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार भी इन्हीं मूल्यों को आत्मसात करते हुए कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी’ (सारा) का गठन किया गया, जिसके माध्यम से अब तक 6,500 से अधिक जल स्रोतों का संरक्षण और 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल का संचयन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है और वाहनों में कूड़ेदान अनिवार्य कर दिया गया है।
धामी ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे अपने जीवन के विशेष अवसरों पर एक पौधा अवश्य लगाएं और उसकी देखभाल करें ताकि पर्यावरण संरक्षण को एक जनांदोलन बनाया जा सके।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कार्यक्रम में कहा कि लोकपर्व ‘हरेला’ प्रदेश में 2,389 स्थानों पर मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्ष में ‘हरेला’ पर्व पर लगाए गए 80 प्रतिशत से अधिक पौधे अब भी बचे हुए हैं।
भाषा दीप्ति