अमेरिका ने पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ को आतंकवादी संगठन घोषित किया
शोभना योगेश वैभव
- 18 Jul 2025, 10:18 AM
- Updated: 10:18 AM
(योषिता सिंह)
न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, 18 जुलाई (भाषा) अमेरिका ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया है।
टीआरएफ ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी करके यह जानकारी दी। बयान में विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह कार्रवाई पहलगाम हमला मामले में न्याय संबंधी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख पर अमल की अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
अमेरिका के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि इससे पता चलता है कि भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग कितना मजबूत है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे। द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली थी लेकिन बाद में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने पर उसने अपना बयान वापस ले लिया था।
भारतीय एजेंसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने टीआरएफ प्रमुख शेख सज्जाद गुल को हमले का मास्टरमाइंड करार दिया है।
रुबियो ने कहा कि विदेश मंत्रालय टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘टीआरएफ और इससे जुड़े अन्य संगठनों को लश्कर-ए-तैयबा के नाम के साथ विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) के रूप में शामिल किया गया है। यह क्रमशः आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और शासकीय आदेश 13224 के तहत किया गया है। विदेश मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा की एफटीओ के रूप में स्थिति की भी समीक्षा की है और उसे बरकरार रखा है।’’
रुबियो ने कहा कि टीआरएफ के खिलाफ यह कार्रवाई ‘‘हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले में न्याय के राष्ट्रपति ट्रंप के रुख पर काम करने की प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह (पहलगाम हमला) 2008 में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला था। टीआरएफ ने भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हमलों की जिम्मेदारी भी ली है, जिनमें 2024 में किया गया हमला भी शामिल है।’’
भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आतंकवाद के खिलाफ नयी दिल्ली के दृढ़ रुख को रेखांकित किया।
पोस्ट में कहा गया, ‘‘भारत-अमेरिका के बीच मजबूत आतंकवाद-रोधी सहयोग का एक और उदाहरण। ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को विदेशी आतंकवादी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए विदेश मंत्रालय की सराहना करते हैं। टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन है और उसने 22 अप्रैल को पहलगाम में नागरिकों पर हुए आतंकवादी हमले की ज़िम्मेदारी ली थी। आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने छह-सात मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया गया था।
भाषा शोभना योगेश