मध्यप्रदेश मंत्रिपरिषद ने डेटा एकीकरण योजना को मंज़ूरी दी
दिमो राजकुमार नोमान
- 22 Jul 2025, 07:31 PM
- Updated: 07:31 PM
भोपाल, 22 जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार ने मंगलवार को योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अंतर्गत डेटा एकीकरण योजना को मंज़ूरी दे दी, जिससे नीति निर्माण में मदद मिलेगी और पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
एक अधिकारी ने बताया, "मंत्रिमंडल ने डेटा एकीकरण योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत योजना, आर्थिक और सांख्यिकी विभाग समयबद्ध तरीके से आंकड़े (डेटा) इकट्ठा करके उनका विश्लेषण करेगा, ताकि विभिन्न विभाग, आम लोग और योजनाएं बनाने वालों लोग इन आकंड़ों का उपयोग कर सकें। यह योजना 'सांख्यिकी के जरिए समृद्धि' नाम की नई पहल का हिस्सा है।"
उन्होंने कहा कि यह योजना सरकार को बेहतर निर्णय लेने और आंकड़ों के आधार पर नीतियां बनाने में मदद करेगी।
अधिकारी ने कहा, "सभी विभाग बिना किसी बाधा के डेटा साझा कर सकेंगे, जिससे काम में पारदर्शिता आएगी और कर्मचारियों की दक्षता बढ़ेगी।"
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के लिए भी डेटा उपलब्ध होगा जिससे नई योजनाओं का निर्माण आसान हो जाएगा और नागरिकों को जानकारी प्राप्त हो सकेगी, जिससे सरकार अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनेगी।
इसके अलावा, राज्य मंत्रिमंडल ने एम.पी. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत संचालित गांधीसागर और राणा प्रताप सागर जलविद्युत केंद्रों के जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण के लिए धनराशि को भी मंजूरी दी।
इसमें गांधीसागर जलविद्युत केंद्र की सभी पांच इकाइयों के जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण के लिए 464.55 करोड़ रुपये की संशोधित अनुमानित लागत और राणा प्रताप सागर जलविद्युत केंद्र के जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण के लिए डीपीआर में उल्लिखित 573.76 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत को मंजूरी दी गई।
अधिकारी ने कहा कि वित्त विभाग की सिफारिश के अनुसार, लागत मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच 50-50 फीसदी साझा की जाएगी, जिसमें मध्यप्रदेश का हिस्सा 127.6 करोड़ रुपये होगा।
मंत्रिमंडल ने दो व्यापार मेलों के दौरान वाहनों की बिक्री पर मोटर वाहन कर में 50 प्रतिशत की छूट देने के निर्णय को भी मंजूरी दी।
भाषा दिमो राजकुमार