राजस्थान: नौ पुलिस निरीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर सेवा से बाहर किया
खारी
- 06 Aug 2025, 06:53 PM
- Updated: 06:53 PM
जयपुर, छह अगस्त (भाषा) राजस्थान सरकार ने गृह विभाग के नौ पुलिस निरीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर राज्य सेवा से बाहर करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य सेवा के अधिकारियों के खिलाफ विचाराधीन 37 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए यह कार्रवाई की है।
आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने राज्य कर्मचारियों की अक्षमता, असंतोषजनक कार्य निष्पादन के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए गृह विभाग के नौ पुलिस निरीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान कर राज्य सेवा से बाहर किया है।
इसमें कहा गया कि कर्मचारियों की कार्यशैली, कार्य दक्षता, सत्यनिष्ठा, विभागीय जांच एवं कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन आदि की विभिन्न स्तर पर समीक्षा करते हुए नौ कर्मचारियों के प्रकरणों की उच्च स्तरीय समिति से जांच करवाकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की है।
इसी तरह मुख्यमंत्री ने नियम विरुद्ध भू-आवंटन के एक गंभीर प्रकरण में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के विरुद्ध अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियम 1969, के नियम 8 के तहत कार्रवाई शुरू किए जाने का अनुमोदन किया है।
उन्होंने लंबित प्रकरणों का निस्तारण करते हुए छह अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन कार्रवाई शुरू करने की मंजूरी तथा राजस्थान प्रशासनिक एवं लेखा सेवा के दो अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 17-ए में विस्तृत जांच कराने की अनुमति भी प्रदान की।
शर्मा ने सेवारत 13 अधिकारियों के विरुद्ध सीसीए नियम-16 के तहत विभागीय जांच कार्रवाई में वार्षिक वेतन वृद्धियां संचयी/असंचयी प्रभाव से रोकने का निर्णय किया है।
उन्होंने सेवानिवृत्त अधिकारियों के पुराने प्रकरणों का निस्तारण करते हुए पेंशन नियमों के तहत पांच अधिकारियों की पेंशन रोकने का निर्णय किया, इनमें से एक अधिकारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार प्रकरण में दोष सिद्धि होने से शत प्रतिशत पेंशन रोकने की सख्त कार्रवाई की गई है।
बयान में कहा गया कि सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरुद्ध नौ प्रकरणों में 14 अधिकारियों पर प्रमाणित आरोपों के जांच निष्कर्ष का अनुमोदन भी किया।
भाषा पृथ्वी