गरीब रथ का नाम बदलने के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला: वैष्णव ने लोकसभा में दी जानकारी
सुरेश सुरेश पवनेश
- 06 Aug 2025, 10:37 PM
- Updated: 10:37 PM
नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि गरीब रथ एक्सप्रेस का नाम बदलने के संबंध में रेलवे मंत्रालय को कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है।
लोकसभा में वैष्णव का यह बयान उस समय आया जब अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने इस ट्रेन के नाम को यात्रियों के स्वाभिमान और गरिमा से जोड़ते हुए सरकार से जवाब मांगा।
औजला ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार इस बात से अवगत है कि गरीब रथ एक्सप्रेस के नाम को लेकर सार्वजनिक भावना और अपीलें लगातार बढ़ रही हैं, क्योंकि कुछ यात्रियों को लगता है कि यह नाम उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाता है।
सांसद ने यह भी जानना चाहा कि क्या सरकार यह मानती है कि 'गरीब रथ' शब्द, जो कभी सस्ती एसी यात्रा का प्रतीक था, अब इसे उपेक्षापूर्ण रूप में देखा जाने लगा है, और यह आज के उदीयमान मध्यम वर्ग, विशेष रूप से मेहनतकश अमृतसरवासियों की आकांक्षाओं से मेल नहीं खाता, जो इस ट्रेन के नियमित यात्री हैं।
जवाब में रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेल का ध्यान सभी वर्गों के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने पर केंद्रित है।
उन्होंने आगे कहा, "जहां तक गरीब रथ ट्रेन का नाम बदलने का सवाल है, इस संबंध में अब तक कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। रेलवे ने इसके साथ ही वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत रैपिड रेल सेवाएं विकसित की हैं।"
वैष्णव ने इन ट्रेनों में उपलब्ध विशेष सुविधाओं, उन्नत सुरक्षा प्रणाली और बेहतर यात्री सुविधाओं को भी रेखांकित किया।
रेल मंत्री के इस बयान से स्पष्ट है कि फिलहाल गरीब रथ एक्सप्रेस का नाम बदलने की कोई योजना नहीं है, हालांकि सरकार रेल सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए नए विकल्पों और आधुनिक ट्रेनों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेन क्लस्टर्स में कैटरिंग ठेकों का आवंटन पारदर्शी तरीके से किया गया है, और आईआरसीटीसी मजबूत निगरानी प्रणाली और अनुपालन उपायों के माध्यम से इसे सुनिश्चित करता है। यह बयान कॉर्पोरेशन में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच दिया गया।
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि रेल कोच फैक्ट्रियों की स्थापना समग्र आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए की जाती है और वर्तमान में मौजूदा उत्पादन इकाइयां तथा पहले से नियोजित इकाइयां निकट भविष्य में रोलिंग स्टॉक की कुल आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं।
भाषा सुरेश सुरेश