मेघालय मंत्रिमंडल ने भवन उपनियमों, एमसीएस परीक्षाओं, डीसीए में सुधारों को मंजूरी दी
पारुल सुरेश
- 07 Aug 2025, 09:34 PM
- Updated: 09:34 PM
शिलांग, सात अगस्त (भाषा) मेघालय मंत्रिमंडल ने व्यापार में सुगमता बढ़ाने के लिए भवन उपनियम 2025 में संशोधन को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी, जिससे 11 अगस्त से सरलीकृत ऑनलाइन भवन अनुमति प्रणाली लागू हो सकेगी।
मंत्रिमंडल ने मेघालय सिविल सेवा (एमसीएस) के परीक्षा पैटर्न में महत्वपूर्ण सुधारों और जिला परिषद मामलों (डीसीए) के विभाग को वित्तीय शक्तियां प्रदान करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी।
मंत्रिमंडल बैठक की अध्यक्षता करने वाले मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा, “नये नियमों के तहत, भवन निर्माण परमिट के लिए सभी आवेदन ऑनलाइन जमा किए जाने चाहिए।”
उन्होंने बताया, “कम जोखिम वाली आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक वैसी इमारतों के लिए मेघालय शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) से तकनीकी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी, जिनका निर्मित क्षेत्रफल 2,500 से 3,000 वर्ग फुट, जी+1 संरचना और अधिकतम सात मीटर की ऊंचाई हो।”
संगमा ने कहा कि आवेदक पैनल में शामिल आर्किटेक्ट या इंजीनियरों की मदद ले सकते हैं और स्व-प्रमाणित डिजाइन ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि डिजाइन जमा करने के तुरंत बाद निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 7,500 वर्ग फुट (जी+2) तक की बड़ी इमारतों के लिए, सूचीबद्ध तृतीय-पक्ष सत्यापन एजेंसियां और सरकार के साथ पंजीकृत लाइसेंस प्राप्त आर्किटेक्ट एवं इंजीनियरिंग फर्म, तेजी से अनुमोदन के वास्ते सत्यापित डिजाइन पेश करने में सहायता करेंगी।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने एक अन्य अहम फैसले में मेघालय सिविल सेवा प्रतियोगी परीक्षा से वैकल्पिक विषयों को हटाने को मंजूरी दे दी।
संगमा ने कहा कि पहले अभ्यर्थियों को 23 वैकल्पिक विषयों में से चुनना पड़ता था, जिसके कारण असमान प्रतिस्पर्धा और प्रशासनिक चुनौतियां उत्पन्न होती थीं।
उन्होंने कहा कि समान प्रतिस्पर्धा और प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए मेघालय पर एक नया अनिवार्य विषय पेश किया जाएगा, जिसमें राज्य का इतिहास, संस्कृति और अर्थव्यवस्था शामिल होगी।
संगमा ने कहा कि इस बदलाव का उद्देश्य उभरते राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप भावी सिविल सेवकों को बेहतर ढंग से तैयार करना है।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने वित्तीय शक्तियों के प्रत्यायोजन नियम-2006 में संशोधन करते हुए डीसीए विभाग के संयुक्त सचिव को वित्तीय शक्तियां सौंपने को भी मंजूरी दे दी।
संगमा ने कहा कि चूंकि, डीसीए में कोई विभागाध्यक्ष (एचओडी) नहीं है, इसलिए संयुक्त सचिव अब विभागाध्यक्ष स्तर के वित्तीय प्राधिकार के साथ काम करेंगे।
भाषा पारुल