आईआईएसईआर ने पीएचडी छात्र की अप्राकृतिक मौत के मामले में जांच के लिए समिति गठित की
शुभम संतोष
- 10 Aug 2025, 03:53 PM
- Updated: 03:53 PM
कोलकाता, 10 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) ने पीएचडी छात्र अनामतिरा रॉय (24) की अप्राकृतिक मौत के पीछे की परिस्थितियों की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया है। संस्थान के प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नदिया जिले के हरिन्घाटा परिसर के जीवन विज्ञान शोधकर्ता रॉय की शुक्रवार सुबह कल्याणी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मौत हो गई। वह परिसर में बीमार हो गए थे।
अधिकारी ने अस्पताल की प्रारंभिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि दवा का ‘ओवरडोज’ उनकी मौत का कारण बना।
आईआईएसईआर के एक प्रवक्ता ने रविवार को 'पीटीआई भाषा' को बताया कि संस्थान ने मौत के कारणों का पता लगाने के लिए शुक्रवार को एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया था।
रॉय के कुछ मित्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार रात अस्पताल ले जाए जाने से कुछ घंटे पहले संस्थान की प्रयोगशाला में उनके कुछ शोध सहयोगियों के साथ उनकी तीखी बहस हुई थी।
प्रवक्ता ने कहा, "हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। समिति उनके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ-साथ उनके सहपाठियों से भी बात कर रही है। हम उनके सोशल मीडिया पोस्ट की भी जांच कर रहे हैं। हम पुलिस के साथ सहयोग करेंगे।"
हालांकि, उनके शोक संतप्त माता-पिता से संपर्क नहीं हो सका है। लेकिन रॉय के एक रिश्तेदार हृषिकेश रॉय ने कहा कि उनके भाई को परेशान किया गया और संस्थान में उनकी शोध टीम से जुड़े दो लोगों ने उन पर इतना मानसिक दबाव डाला कि वे आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गए।
एसएफआई के महासचिव देबांजन डे ने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात के बाद कहा, "हम पूर्ण और गहन जांच चाहते हैं।"
शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद जब रॉय का शव परिसर में लाया गया तो कुछ छात्रों ने रैली निकाली।
रॉय ने एक पोस्ट में मानसिक उत्पीड़न और अत्यधिक धमकाए जाने की शिकायत की थी। इस पोस्ट के आधार पर परिजनों द्वारा हरिन्घाटा थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई, जिसमें उनकी मौत के लिए जिम्मेदार एक गाइड और एक सहपाठी को नामजद किया गया।
रॉय ने पहले भी एक पोस्ट में बताया था कि उन्होंने छठी कक्षा में पढ़ाई के दौरान आत्महत्या के बारे में सोचा था, लेकिन मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण आखिरी बार उनके मन में आत्महत्या करने का विचार गत अप्रैल में आया था।
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में आरोप लगाया कि आंतरिक शिकायत समिति को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।
ऐसी ही एक पोस्ट में रॉय ने कहा था कि वह आंशिक रूप से ऑटिज्म से पीड़ित हैं और इसलिए उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।
‘ऑटिज्म’ एक ऐसी स्थिति है जिसमें लोगों के संवाद करने, सामाजिक संबंधों को विकसित करने और व्यवहार करने का तरीका प्रभावित होता है।
प्रवक्ता ने कहा कि पीड़ित द्वारा लगाए गए आरोपों पर पूरी गंभीरता से विचार किया जा रहा है तथा समिति शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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