'आत्मनिर्भरता' से 'सुरक्षा' तक, स्वतंत्रता दिवस पर मोदी के भाषण की मुख्य बातें
सुभाष अविनाश
- 15 Aug 2025, 08:16 PM
- Updated: 08:16 PM
नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 103 मिनट का भाषण सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के उनके दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।
उन्होंने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को दिये अपने भाषण में 20 से अधिक बार 'आत्मनिर्भरता' का आह्वान किया तथा इसका उल्लेख भारत के रक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और कृषि क्षेत्रों में किया।
‘सुरक्षा’ भी एक प्रमुख मुद्दा रहा, जिसमें प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय संप्रभुता को सैन्य शक्ति और अर्थव्यवस्था, दोनों से जोड़ा।
पूरे भाषण के दौरान मोदी ने ‘‘मेरे प्यारे देशवासियों’’, ‘‘भाइयों और बहनों’’, ‘‘साथियों’’ और ‘‘140 करोड़ भारतीयों’’ जैसे शब्दों के जरिये संबोधित किया और हर बार उन्होंने एकता और सामूहिक संकल्प को मजबूत करने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आजादी का यह पर्व 140 करोड़ संकल्पों का पर्व है।’’ उन्होंने इस दिन को ‘‘सामूहिक उपलब्धियों और गौरव’’ का दिन बताया।
अपने भाषण में, प्रधानमंत्री ने नवाचार और स्टार्ट-अप से लेकर राष्ट्र निर्माण के संदर्भ में, 25 से अधिक बार 'युवा' शब्द का उल्लेख किया।
'किसान' शब्द लगभग 27 बार आया, जबकि 'जवान' शब्द का बार-बार उल्लेख किया गया, जो सुरक्षा, जवान और किसान की उनकी थीम को दर्शाता है।
'रिफॉर्म' (सुधार) शब्द का इस्तेमाल 20 से अधिक बार किया गया। प्रधानमंत्री ने परिवर्तन और विकसित भारत के लिए इसे आवश्यक बताया।
राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर, मोदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता की सराहना की और कहा कि सशस्त्र बलों ने दुश्मन की धरती पर सैकड़ों किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत ने ‘न्यू नॉर्मल’ स्थापित किया है और ‘‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’’ को खारिज कर दिया।
सिंधु जल संधि पर उन्होंने संकल्प लिया कि अब भारत ने तय कर लिया है, ‘‘खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे।’’ उन्होंने रेखांकित किया कि अब हिंदुस्तान के हक का जो पानी है उस पर अधिकार सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान का है, हिंदुस्तान के किसानों का है।
उनके विकसित भारत के दृष्टिकोण में किसानों को प्रमुख स्थान दिया गया। मोदी ने स्वतंत्रता के बाद भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में उनकी भूमिका की सराहना की।
उन्होंने ऊर्जा स्वतंत्रता को आत्मनिर्भरता का आधार बताया।
प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। साथ ही, आयातित तेल और गैस पर निर्भरता कम करने के लिए ‘नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन’ की घोषणा की।
रक्षा आत्मनिर्भरता प्रधानमंत्री के भाषण में एक और प्रमुख बात थी।
मोदी ने सेना की सफलता का श्रेय स्वदेशी हथियार प्रणालियों को देते हुए कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमने मेड इन इंडिया की ताकत देखी।’’ उन्होंने भारत से अपने लड़ाकू जेट इंजन, ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) बैटरियां, उर्वरक और सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म स्वयं बनाने का आह्वान किया।
महिलाओं के योगदान को व्यापक विमर्श में पिरोया गया। प्रधानमंत्री ने उन महिला स्वयं सहायता समूहों की सराहना की जिनके उत्पादों को विदेशों में बाजार मिल रहा है, और उन्हें ‘‘आत्मनिर्भरता का स्तंभ’’ बताया।
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