जम्मू-कश्मीर: मादक पदार्थों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई से नशे के लिए दवाओं का दुरुपयोग बढ़ा
पारुल रंजन
- 10 Aug 2025, 08:11 PM
- Updated: 08:11 PM
(सुमीर कौल)
श्रीनगर, 10 अगस्त (भाषा) जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई के बीच श्रीनगर पुलिस ने मादक पदार्थों के इस्तेमाल और तस्करी के खिलाफ अभियान शुरू किया है, जिसके तहत पिछले तीन महीने में 97 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 73 मामले दर्ज किए गए हैं।
अधिकारियों ने उन खुफिया रिपोर्टों का हवाला दिया, जिनमें कहा गया है कि आतंकवादी गतिविधियों के लिए स्थानीय युवाओं की भर्ती में विफल रही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) कश्मीर की युवा पीढ़ी को अस्थिर करने के लिए अब नशे के लिए दवाओं के दुरुपयोग को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की कड़ी कार्रवाई के कारण हेरोइन हासिल करना मुश्किल होता जा रहा है, ऐसे में श्रीनगर में नशे के आदी युवा इसके विकल्प के तौर पर तेजी से दवाओं का सहारा ले रहे हैं।
एक स्थानीय नशा मुक्ति केंद्र के प्रमुख डॉ. मोहम्मद मुजफ्फर खान ने इस प्रवृत्ति की पुष्टि करते हुए कहा कि नशे के आदी लोगों के बीच दर्दनिवारक दवाओं की मांग बढ़ गई है।
खान के मुताबिक, “पुलिस के कड़े रवैये के कारण हेरोइन हासिल करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में जब तलब बहुत तेज हो जाती है, तो नशे के आदी लोग औषधीय गोलियों का सहारा लेने लगते हैं।”
उन्होंने कहा कि ये गोलियां अक्सर दवा की दुकानों से इतर अवैध माध्यमों से खरीदी जाती हैं और कभी-कभी इन्हें जम्मू-कश्मीर के बाहर से दिल्ली या अमृतसर जैसे शहरों से कूरियर के जरिये मंगवाया जाता है।
खान के अनुसार, ऐसी दवाओं के एक पत्ते की कीमत औसतन 150 रुपये के करीब होती है, लेकिन ‘ब्लैक मार्केट’ में महज एक खुराक की कीमत 800 रुपये है।
उन्होंने पिछले सात-आठ वर्षों में लोगों में स्थानीय स्तर पर उगाई जाने वाली भांग और चरस की लत की जगह हेरोइन की लत लगने की ओर भी इशारा किया।
श्रीनगर पुलिस ने युवाओं में मादक पदार्थों, खासकर हेरोइन के सेवन में भारी वृद्धि के बीच यह आक्रामक अभियान शुरू किया था।
इस साल अप्रैल और जुलाई के बीच पुलिस ने 97 लोगों को गिरफ्तार किया, 73 मामले दर्ज किए और ब्राउन शुगर (3.57 किलोग्राम), हेरोइन (1.73 किलोग्राम), चरस (203.43 किलोग्राम), फुकी (11.95 किलोग्राम) के अलावा स्वापक गोलियां, कैप्सूल और भांग जब्त की।
पुलिस मादक पदार्थों की तस्करी के पीछे के वित्तीय नेटवर्क पर शिकंजा कस रही है और उसने तस्करों से जुड़े छह वाहनों और नौ आवासीय मकानों सहित विभिन्न संपत्तियों को कुर्क करने के अलावा 29 बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया है।
पुलिस ने पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम के तहत 21 लोगों को हिरासत में लिया है और तीन मादक पदार्थ केंद्रों को ध्वस्त किया है।
उसने 73 मामलों में से 67 में अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिए हैं, सात जमानत अर्जियों को खारिज करवाने में कामयाब रही है और सात अन्य जमानत आदेशों व तीन दोषमुक्ति संबंधी फैसलों को चुनौती दी है।
खान ने कहा कि नेश के लिए दवाओं का दुरुपयोग सभी उम्र के लोगों के बीच देखा गया है। उन्होंने बताया कि नशे के आदी कुछ लोग, जिनमें 20 साल की उम्र के युवा भी शामिल हैं, हेरोइन जैसे प्रभाव के लिए एक साथ 10-15 गोलियों का सेवन कर लेते हैं।
भाषा पारुल