आवारा कुत्तों के मुद्दे पर न्यायालय के फैसले का पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने स्वागत किया
खारी दिलीप
- 11 Aug 2025, 05:35 PM
- Updated: 05:35 PM
नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का सोमवार को स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह फैसला उनकी उस मांग का समर्थन करता है, जिसमें वह सड़कों से कुत्तों को हटाने के लिये नीति की बात कर रहे थे।
उन्होंने दावा किया कि केवल दिल्ली में ही कुत्तों के काटने के हर दिन औसतन लगभग 2000 मामले सामने आते हैं, और अगर पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की बात करें, तो यह संख्या 5000 के करीब हो सकती है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष पिछले दो वर्षों से एक गैर-लाभकारी संगठन, जन अभियान के माध्यम से आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए एक आंदोलन चला रहे हैं।
गोयल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि उच्चतम न्यायालय ने अब हमारी मांगों पर ध्यान दिया है। उसने दिल्ली सरकार को आवारा कुत्तों को आश्रय स्थालों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है। अदालत ने ‘कुत्तों को सड़कों से हटाने की नीति’ की हमारी मांग का समर्थन किया है।’’
उन्होंने कहा कि अदालत ने कुत्तों के काटने की सूचना देने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने का भी निर्देश दिया है, जो उनके आंदोलन की एक और मांग थी।
गोयल ने हेल्पलाइन स्थापित कराने के लिए हाल में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त से मुलाकात की थी।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि आवारा कुत्तों का ‘‘आतंक’’ है और महिलाएं और बच्चे अधिकांश रूप से उनका शिकार हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मेरी मांगों को लेकर धमकियां मिलीं और अपशब्द कहे गए। अदालत के आदेश के बाद, मुझे उम्मीद है कि ऐसे तत्व अदालत के आदेश के क्रियान्वयन में दखल नहीं देंगे।’’
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के इलाकों से सभी आवारा कुत्तों को उठाएं और उन्हें आश्रय स्थलों में रखें। न्यायालय ने यह भी कहा कि कुत्ते सड़कों पर वापस नहीं आएंगे।
आवारा कुत्तों की समस्या को ‘‘अत्यधिक गंभीर’’ बताते हुए न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन ने कई निर्देश पारित किए और चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों को उठाने के काम में बाधा डालेगा, तो उसके खिलाफ अदालत अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगी।
पीठ ने कहा कि फिलहाल, अधिकारियों को 5,000 कुत्तों के लिए छह से आठ हफ्तों में आश्रय स्थल बनाने से शुरुआत करनी चाहिए।
दिल्ली सरकार के विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि अदालत के आदेश का समयबद्ध तरीके से पालन किया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि यह फैसला दिल्ली को रेबीज और आवारा जानवरों के भय से मुक्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
मिश्रा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार का पशु विभाग सभी एजेंसियों के साथ मिलकर इस आदेश का अध्ययन करके इसको समुचित तरीके से लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। इस आदेश को समयबद्ध तरीके से पूर्णतया लागू करते हुए बेसहारा पशुओं के समुचित कल्याण का विशेष ध्यान भी रखा जाएगा।’’
भाषा खारी