आप ने निर्वाचन आयोग कार्यालय जाने के दौरान विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की
राखी राजकुमार
- 11 Aug 2025, 10:31 PM
- Updated: 10:31 PM
नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) ने हालिया चुनावों में वोट चोरी के आरोपों पर जवाब मांगने के लिए सोमवार को निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च कर रहे विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कड़ी आलोचना की।
आप के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भाजपा और निर्वाचन आयोग लोकतंत्र की ‘‘हत्या’’ कर रहे हैं।
उन्होंने सांसदों को हिरासत में लिये जाने को ‘‘तानाशाही’’ कदम करार दिया और कहा कि वे तो केवल सवाल पूछना और निर्वाचन आयोग से आंकड़े मांगना चाहते थे।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को संसद से निर्वाचन आयोग के कार्यालय जाने के दौरान हिरासत में लिया गया।
यह प्रदर्शन बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण और कथित वोट चोरी के खिलाफ आयोजित किया गया था।
पुलिस के अनुसार, सांसदों को करीब दो घंटे बाद छोड़ दिया गया।
प्रियंका गांधी वाड्रा, शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत और तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष शामिल समेत कुल 30 सांसदों को संसद मार्ग थाने ले जाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने केवल 30 सांसदों को अपने परिसर में प्रवेश की अनुमति दी थी लेकिन प्रदर्शनकारी ‘‘बड़ी संख्या’’ में पहुंचे थे।
ढांडा ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग के पास विपक्षी दलों के सवालों का कोई जवाब नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र से खिलवाड़ करने की कोशिशें बड़े पैमाने पर हो रही हैं। विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूचियों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है, विपक्षी दलों के मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं और भाजपा की मदद के लिए फर्जी वोट दर्ज किए जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग इसमें संलिप्त प्रतीत होता है क्योंकि वह विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देने में विफल रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा ने निर्वाचन आयोग के समर्थन से मतदाता सूची में छेड़छाड़ करने का तरीका अपना लिया है। यह लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पूरा विपक्ष, चाहे वह इंडिया गठबंधन के दल हों या आप या तृणमूल कांग्रेस, सभी मतदाता सूची में किसी भी तरह की छेड़छाड़ किए बिना निष्पक्ष चुनाव कराए जाने के लिए एकजुट हैं।’’
अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता वाली आप ने हाल ही में कांग्रेस के नेतृत्व वाले भारतीय राष्ट्रीय लोकतांत्रिक विकासशील गठबंधन (इंडिया) से अलग होने की घोषणा की थी। पार्टी ने इसकी कार्यप्रणाली और नियमित बैठकों की कमी पर सवाल उठाए थे।
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