‘वोट चोरी’ के खिलाफ अभियान अब एक बड़ा जनांदोलन बना : राहुल गांधी
पारुल दिलीप
- 11 Aug 2025, 10:30 PM
- Updated: 10:30 PM
नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि “वोट चोरी” के खिलाफ अभियान ने एक “बड़े जन आंदोलन” का रूप अख्तियार कर लिया है और इसके लिए पोर्टल शुरू किए जाने के बाद से 15 लाख से अधिक समर्थन प्रमाणपत्र डाउनलोड किए गए हैं और 10 लाख से अधिक ‘मिस कॉल’ प्राप्त हुई हैं।
राहुल के चुनावों में धांधली संबंधी आरोपों को लेकर निर्वाचन आयोग के खिलाफ अपना अभियान तेज करते हुए कांग्रेस ने लोगों के लिए एक वेब पोर्टल शुरू किया है, जिस पर वे पंजीकरण करा सकते हैं और आयोग से “वोट चोरी” के खिलाफ जवाब मांग सकते हैं। इस पोर्टल पर लोग डिजिटल मतदाता सूची की मांग के प्रति समर्थन भी व्यक्त कर सकते हैं।
राहुल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि “वोट चोरी” के खिलाफ अभियान अब एक विशाल जन आंदोलन बन चुका है।
उन्होंने लिखा, “पिछले 24 घंटे में : ▪️15 लाख से अधिक समर्थन प्रमाणपत्र डाउनलोड किए गए, ▪️10 लाख से ज्यादा मिस कॉल प्राप्त हुईं।”
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “ये आज हिंदुस्तान के लोकतंत्र की सच्ची तस्वीर है---सच्चाई की दबी हुई आवाजें, जो हमारे अभियान के जरिये बुलंद होकर सामने आ रही हैं। ‘वोट चोरी’ का एक भी मामला छूटने न पाए।”
कोई भी व्यक्ति पोर्टल के लिंक पर क्लिक करके “वोट चोरी का सबूत डाउनलोड कर सकता है, निर्वाचन आयोग से जवाब मांग सकता है और वोट चोरी की शिकायत कर सकता है।”
इस पोर्टल पर राहुल का एक वीडियो संदेश भी अपलोड किया गया है, जिसमें वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्वाचन आयोग के बीच “मिलीभगत” से चुनावों में “बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी” किए जाने के अपने विस्फोटक दावे को दोहराते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में वह अपने दावे के समर्थन में कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में किए गए विश्लेषण का हवाला देते और इसे (कथित वोट चोरी को) ‘‘संविधान के खिलाफ अपराध’’ बताते दिखाई दे रहे हैं।
पोर्टल पर एक संदेश भी प्रसारित किया गया है, जिसमें कहा गया है, ‘‘वोट हमारे लोकतंत्र की नींव है, लेकिन भाजपा इस पर सुनियोजित रूप से हमला कर रही है, जिसमें निर्वाचन आयोग भी शामिल है।’’
संदेश में कहा गया है, “बेंगलुरु सेंट्रल के सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र में हमें एक लाख से अधिक फर्जी मतदाता मिले, जिन्होंने भाजपा की इस लोकसभा सीट को जीतने में मदद की। कल्पना कीजिए कि ऐसा 70 से 100 सीट पर हो रहा है, जो चुनावों की शुचिता को नष्ट कर देगा।”
इसमें कहा गया है, “कांग्रेस और विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन ने महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों को लेकर पहले भी चिंताएं जताई हैं। अब हमारे पास सबूत हैं। हम इस वोट चोरी के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे। हमारे लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमारे साथ जुड़ें।”
एक बार जब कोई व्यक्ति पोर्टल पर पंजीकरण करा लेता है, तो उसके नाम पर एक प्रमाणपत्र जारी किया जाता है, जिसमें लिखा होता है कि वह ‘‘वोट चोरी’’ के खिलाफ है।
प्रमाणपत्र में लिखा है, ‘‘मैं निर्वाचन आयोग से डिजिटल मतदाता सूची जारी करने की राहुल गांधी की मांग का समर्थन करता हूं।’’
पोर्टल लोगों को फोन के जरिये और एसएमएस में दिए गए लिंक में मौजूद फॉर्म को भरकर पंजीकरण कराने का विकल्प भी देता है। प्रमाणपत्र पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कोषाध्यक्ष अजय माकन के हस्ताक्षर हैं।
कांग्रेस के कई नेताओं और समर्थकों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है और अपने-अपने प्रमाणपत्र सोशल मीडिया पर साझा किए हैं।
भाषा पारुल