आवारा कुत्तों संबंधी फैसले के खिलाफ इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
प्रीति नेत्रपाल
- 12 Aug 2025, 09:37 PM
- Updated: 09:37 PM
नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को आठ सप्ताह के भीतर आश्रय गृहों में स्थानांतरित करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने वाले कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि सोमवार शाम किए गए प्रदर्शन में कई पशु प्रेमियों, पशुपालकों, बचावकर्ताओं और देखभालकर्ताओं ने भाग लिया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘बीएनएस की धारा 223 (किसी लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा का अपराध) तथा संबंधित धाराओं के तहत नयी दिल्ली के कर्तव्य पथ थाने में मामला दर्ज किया गया है।’’
पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पर दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने कहा, ‘‘यह बहुत बचकानी हरकत है। आप जानवरों की रक्षा के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं कर सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने दिल्ली पुलिस के आयुक्त एसबीके सिंह के साथ काम किया है। मैं उनसे इस मामले पर पुनर्विचार करने और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लेने का आग्रह करता हूं।’’
प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आवारा कुत्तों को उनके इलाकों से हटाना कोई समाधान नहीं है। उन्होंने पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियमों को सख्ती से लागू करने की मांग की, जिनके तहत कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और उन्हें उसी क्षेत्र में वापस छोड़ना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि संसद के अधिनियम के तहत बनाए गए नियम अब भी लागू हैं।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी दावा किया कि मीडिया की ओर से जारी खबरों में रेबीज से होने वाली मौतों के मुद्दे को सनसनीखेज बना दिया गया है जबकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2024 में केवल ऐसी 54 संदिग्ध मौतें हुई हैं।
इसी बीच, दिल्ली के पशु प्रेमियों और देखभालकर्ताओं ने आवारा कुत्तों के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ मंगलवार को कनॉट प्लेस में भी प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि इस कदम से जानवरों को नुकसान पहुंचेगा और स्थानीय समुदायों के साथ उनका संबंध प्रभावित होगा।
इस प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पशुओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाले लगभग 15 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर निकटवर्ती थाने ले जाया गया।
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर लिखा था, ‘‘सावधान: काल भैरव देख रहे हैं’’ और ‘‘स्थानांतरण रोकें’’, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ एकजुटता में खड़े हैं’’ आदि लिखा था।
भाषा प्रीति