दादर कबूतरखाना में सुबह दो घंटे कबूतरों को दाना खिलाने की अनुमति देने का इरादा : बीएमसी
रवि कांत रवि कांत माधव
- 13 Aug 2025, 05:30 PM
- Updated: 05:30 PM
मुंबई, 13 अगस्त (भाषा) बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि वह कुछ शर्तों के साथ दादर कबूतरखाना में प्रत्येक सुबह दो घंटे के लिए कबूतरों को नियंत्रित मात्रा में दाना खिलाने की अनुमति देने की इच्छा रखती है।
हालांकि, न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने कहा कि ऐसी कोई भी अनुमति देने से पहले बीएमसी को आपत्तियां आमंत्रित करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी करना होगा। और फिर इसके बाद ही दादर में लोकप्रिय स्थल पर पक्षियों को नियंत्रित मात्रा में भोजन देने की अनुमति देने पर निर्णय लिया जाएगा।
अदालत ने कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि चूंकि शहर में कबूतरखानों (कबूतरों को दाना डालने के स्थान) को बंद करने और कबूतरों को दाना खिलाने पर प्रतिबंध लगाने का बीएमसी का निर्णय जन स्वास्थ्य के व्यापक हित में है, इसलिए इसकी पवित्रता बनाए रखी जानी चाहिए।
पिछले सप्ताह दादर कबूतरखाना पर बीएमसी द्वारा तिरपाल की चादरें बिछा दी गईं, ताकि लोग पक्षियों को दाना न डाल सकें। इस कदम के कारण विरोध प्रदर्शन हुआ और प्रदर्शनकारियों ने जबरन कवर हटा दिए थे।
इसके अनुसरण में कुछ व्यक्तियों ने बीएमसी को एक आवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें कबूतरों को नियंत्रित भोजन देने के लिए अंतरिम व्यवस्था की मांग की गई।
बीएमसी के वकील राम आप्टे ने बुधवार को अदालत को बताया कि नगर निकाय कुछ शर्तों के साथ सुबह छह बजे से आठ बजे तक पक्षियों को नियंत्रित मात्रा में भोजन देने की अनुमति देने का इरादा रखता है।
इसके बाद पीठ ने सवाल किया कि क्या नगर निकाय ने अपना निर्णय लेने से पहले आवेदन (कबूतरों को नियंत्रित आहार देने की अनुमति मांगने संबंधी) पर आपत्तियां आमंत्रित की थीं।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘आप (बीएमसी) जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कबूतरखानों को बंद करने का फैसला लेने के बाद अब यूं ही भोजन की अनुमति नहीं दे सकते। आपको सोच-समझकर फैसला लेना होगा। ’’
अदालत ने कहा कि एक बार आवेदन प्राप्त हो जाने पर आपको(बीएमसी) नोटिस जारी करना होगा तथा लोगों से आपत्तियां आमंत्रित करनी होंगी और फिर निर्णय लेना होगा। एक बार जब आपने लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले लिया है, तो आपको उस पवित्रता को बनाए रखना होगा।
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को एक समिति के लिए 11 नामों की सूची भी प्रस्तुत की, जो सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना डालने के मुद्दे और मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव पर वैज्ञानिक अध्ययन करेगी।
अदालत ने कहा कि सरकार 20 अगस्त तक समिति को अधिसूचित करे।
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कहा कि समिति में राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं नगर नियोजन विभागों के अधिकारी और चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल होंगे।
अदालत उन लोगों की ओर से दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जो नियमित रूप से कबूतरखानों में कबूतरों को दाना डालते हैं।
याचिकाकर्ताओं ने इस तरह के दाना डालने पर प्रतिबंध लगाने और महानगर में कबूतरखानों को बंद करने के बीएमसी के फैसले को चुनौती दी है।
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