किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना : उमर अब्दुल्ला ने मोदी को स्थिति की जानकारी दी
सिम्मी मनीषा
- 15 Aug 2025, 12:58 PM
- Updated: 12:58 PM
(तस्वीरों के साथ जारी)
श्रीनगर, 15 अगस्त (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर गांव में बादल फटने की विनाशकारी घटना के बारे में जानकारी दी है।
इस घटना में 60 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मुझे अभी-अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फोन आया। मैंने उन्हें किश्तवाड़ की स्थिति और प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी।’’
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार और बादल फटने की दुखद घटना से प्रभावित लोग प्रधानमंत्री के सहयोग एवं केंद्र द्वारा प्रदान की गई सभी सहायता के लिए आभारी हैं।
इससे पहले, अब्दुल्ला ने यहां बख्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बृहस्पतिवार को हुई दुखद घटना में कम से कम 60 लोगों की जान चली गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए।
उन्होंने कहा कि यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या प्रशासन की ओर से कोई चूक हुई है, क्योंकि ‘‘हमें मौसम (पूर्वानुमान) के बारे में पहले से ही पता था।’’
अब्दुल्ला ने पिछले साल अक्टूबर में केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद स्वतंत्रता दिवस पर अपने पहले संबोधन में किश्तवाड़ के शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए अपनी बात शुरू की।
उन्होंने कहा, ‘‘आज स्वतंत्रता दिवस मना रहे देश के लोगों के लिए यह एक खुशी का दिन है, लेकिन साथ ही बादल फटने से हुई जान-माल की हानि हृदयविदारक है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, लगभग 60 लोगों की जान चली गई है और कई अन्य लोग लापता हैं। हमें उनकी सटीक संख्या नहीं पता है।’’
अब्दुल्ला ने कहा कि वह इस अवसर पर उन लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने इस दुखद घटना में अपने प्रियजन को खो दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
उन्होंने प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से मदद में कोई कमी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने साथ ही कहा कि आगामी दिनों में ‘‘हमें यह पता लगाना होगा कि ऐसा क्यों हुआ। क्या प्रशासन की ओर से कोई चूक हुई, क्योंकि हमारे पास (भारी बारिश और अचानक बाढ़ की संभावना के बारे में) पहले से ही मौसम का अनुमान था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या हम इन अनमोल जिंदगियों को बचाने के लिए सरकार एवं प्रशासन की ओर से और कदम उठा सकते थे? हमें इस मामले में खुद को जवाबदेह बनाना होगा।’’
भाषा
सिम्मी