उप्र: डीजीपी ने स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी पर्व को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए
अभिनव आनन्द नोमान
- 13 Aug 2025, 07:45 PM
- Updated: 07:45 PM
लखनऊ, 13 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह और उसके अगले दिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के मद्देनजर राज्य भर में कड़ी सतर्कता बरतने और प्रभावी कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को विस्तृत निर्देश जारी किए। एक आधिकारिक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई।
बयान में कहा गया कि डीजीपी ने जिला और कमिश्नरेट पुलिस प्रमुखों को सभी अहम कार्यक्रमों की सूची बनाने और व्यापक सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
सभी आयोजन स्थलों पर विध्वंसकारी-रोधी जांच अनिवार्य कर दी गई है। साथ ही छतों पर सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे। प्रवेश व निकास बिंदुओं पर सख्त नियंत्रण के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने रेलवे और मेट्रो स्टेशनों, बस टर्मिनलों, हवाई अड्डों, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, होटलों, गेस्ट हाउस, धार्मिक स्थलों और अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा कड़ी करने को कहा।
राज्य और जिला सीमाओं पर निरंतर जांच, सीसीटीवी कैमरों से निगरानी और नाकों पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को सतर्क रहने और कड़ी निगरानी बनाए रखने के लिए विशेष निर्देश गए हैं।
डीजीपी ने माइक्रोलाइट विमानों, ड्रोन, पैराग्लाइडरों और अन्य मानवरहित हवाई वाहनों पर कड़ी निगरानी रखने और अनधिकृत उड़ानों पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
प्रतिबंधित या चरमपंथी संगठनों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए स्थानीय ख़ुफ़िया इकाइयों और सोशल मीडिया प्रकोष्ठ को सक्रिय कर दिया गया है, और ज़रूरत पड़ने पर तुरंत निवारक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
ज़िला पुलिस को आवासीय कॉलोनियों में किरायेदारों का सत्यापन करने, अवैध हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी पर अंकुश लगाने और जन्माष्टमी कार्यक्रमों के सुचारू संचालन के लिए सिविल मजिस्ट्रेट, नगर निकायों और उपयोगिता विभागों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
निर्देश में कहा गया है कि मंदिर उत्सवों, जुलूसों और मेलों के आयोजकों को रसद संबंधी मुद्दों को सुलझाने के लिए अग्रिम बैठकों में शामिल किया जाए।
इसमें कहा गया है कि सभी संवेदनशील और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी में पुलिस की तैनाती, फ़्लैग मार्च और पैदल गश्त बढ़ाई जाए।
जुलूसों की वीडियोग्राफी और ड्रोन निगरानी अनिवार्य कर दी गई है, साथ ही ज़रूरत पड़ने पर बम निरोधक दस्तों और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल भी किया जाएगा।
महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सादे कपड़ों में कर्मियों को तैनात करने, दंगा नियंत्रण उपकरण तैयार रखने और ज़िला मुख्यालयों पर पुलिस/पीएसी रिजर्व बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
गलत सूचना या भड़काऊ सामग्री का मुकाबला करने के लिए सोशल मीडिया मंचों की चौबीसों घंटे निगरानी का भी आदेश दिया गया है।
डीजीपी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे 14 अगस्त को चेहल्लुम और 16 अगस्त को जन्माष्टमी के लिए व्यवस्थाओं की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करें ताकि कानून-व्यवस्था की कोई समस्या न हो।
भाषा अभिनव आनन्द