परमिट राज ने सेमीकंडक्टर के काम को रोके रखा : वैष्णव का कांग्रेस पर पलटवार
पारुल माधव
- 15 Aug 2025, 08:41 PM
- Updated: 08:41 PM
नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि फेयरचाइल्ड के संस्थापक रॉबर्ट नॉयस 1964 में भारत आए थे, लेकिन कांग्रेस के “लाइसेंस परमिट राज” ने उन्हें सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने की अनुमति नहीं दी, जिसके बाद वह हांगकांग चले गए और वहां इंटेल की स्थापना की।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव की यह टिप्पणी कांग्रेस के शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उनके इस बयान के लिए पलटवार करने के बाद आई कि 50-60 साल पहले सेमीकंडक्टर के विचार की “भ्रूण हत्या” कर दी गई थी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि चंडीगढ़ में सेमीकंडक्टर कॉम्प्लेक्स लिमिटेड ने 1983 में परिचालन शुरू कर दिया था।
वैष्णव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “फेयरचाइल्ड के संस्थापक रॉबर्ट नॉयस 1964 में भारत आए थे। कांग्रेस के लाइसेंस परमिट राज ने सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने की इजाजत नहीं दी। वह हांगकांग गए। फिर इंटेल की स्थापना की। बाकी सब इतिहास है।”
उन्होंने दावा किया, “इंटेल ने 2005-06 में एक बार फिर भारत में सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने की कोशिश की। (तत्कालीन) संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नीतिगत निष्क्रियता के कारण इसे एक बार फिर अनुमति नहीं मिली। सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला, मोहाली अभी भी प्रयोगशाला स्तर पर ही काम करती है।”
मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में बनी पहली सेमीकंडक्टर चिप इस साल के अंत तक बाजार में आ जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर के बारे में विचार 50-60 साल पहले शुरू हुआ था, लेकिन यह फाइलों में ही अटका रहा, जबकि कई देशों ने इसमें महारत हासिल कर ली है और दुनिया पर अपना दबदबा बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “सेमीकंडक्टर के महत्वपूर्ण विचार की भ्रूण हत्या हो गई। देश ने 50-60 साल गंवा दिए। हमारे बाद, आज कई देशों ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में महारत हासिल कर ली है और अपनी ताकत को मजबूत कर लिया है।”
उन्होंने कहा कि वह लाल किले में किसी सरकार की आलोचना करने नहीं आए हैं, लेकिन युवाओं के लिए इस बारे में जानना भी जरूरी है।
कांग्रेस महासचिव रमेश ने पलटवार करते हुए कहा, “यह एक और उदाहरण है कि मोदी जी कितने झूठे हैं। चंडीगढ़ में स्थापित सेमीकंडक्टर्स कॉम्प्लेक्स लिमिटेड ने 1983 में परिचालन शुरू कर दिया था।”
वैष्णव ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यावसायिक पैमाने का एक सिलिकॉन फैब 20,000-40,000 वेफर स्टार्ट प्रति माह की क्षमता पर काम करता है, जबकि मोदी सरकार 50,000 वेफर स्टार्ट प्रति माह क्षमता वाला सिलिकॉन फैब बना रही है।
उन्होंने कहा, “छह सेमीकंडक्टर इकाइयां (एक फैब और पांच एटीएमपी) योजना, निर्माण और कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। पिछले हफ्ते चार और (एक सिलिकॉन कार्बाइड फैब और सबसे उन्नत पैकेजिंग इकाई सहित तीन एटीएमपी) को मंजूरी दी गई।”
मंत्री ने सवाल किया कि देश में अपेक्षित प्रतिभा होने के बावजूद कांग्रेस सरकारें सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने में विफल क्यों रहीं।
उन्होंने कहा, “डिजाइन, निर्माण, पैकेजिंग, उपकरण, रसायन, गैस सहित संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र भारत में आकार ले रहा है। दो सबसे बड़े उपकरण निर्माता-एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च-भारत में अपनी डिजाइन, उत्पादन और सत्यापन सुविधाएं स्थापित कर रहे हैं।”
भाषा पारुल