फतेहपुर पुलिस ने जन्माष्टमी से पहले विवादित मकबरे की सुरक्षा कड़ी की, भड़काऊ पोस्ट पर प्राथमिकी दर्ज
सं आनन्द राजकुमार
- 16 Aug 2025, 12:56 AM
- Updated: 12:56 AM
कानपुर (उप्र एम), 15 अगस्त (भाषा) फतेहपुर कोतवाली पुलिस ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी समारोह से पहले यहां के विवादित मकबरे के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी। यह कदम सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और लोगों से उस स्थान पर एकत्रित होने का आह्वान करने के बाद उठाया गया। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
फतेहपुर कोतवाली के थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) तारकेश्वर राय ने बताया कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट के मामले में तीन प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं, जिनमें दो व्यक्तियों- मोहम्मद मुजफ्फर इमरान और अखंड प्रताप सिंह को नामजद किया गया है और अज्ञात के खिलाफ के खिलाफ मामला पंजीकृत किया गया है।
उन्होंने बताया कि इमरान के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना) और 353 (सार्वजनिक रूप से उपद्रव फैलाने वाले बयान) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 लगाई गई है।
एसएचओ के मुताबिक अखंड प्रताप सिंह के खिलाफ दर्ज मामले में बीएनएस की धारा 196 (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भावना को नुकसान पहुँचाने वाले कार्य करना), आईटी एक्ट की धारा 353 और 66 दर्ज की गई है। अज्ञात आरोपियों के खिलाफ तीसरी प्राथमिकी बीएनएस की धारा 191 (दंगा), 353 और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत दर्ज की गई है। तीनों प्राथमिकी अलग-अलग पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई शिकायतों पर दर्ज की गई हैं।
ज़िला प्रशासन ने मकबरे से जुड़े लोगों, वहां कथित तौर पर नमाज़ पढ़ने का आह्वान करने वाले नेताओं और दोनों समुदायों के प्रमुख सदस्यों को नोटिस जारी किया है। उन्हें कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वाली किसी भी कार्रवाई के ख़िलाफ़ चेतावनी दी गई है और अपने समर्थकों को गलत काम करने से रोकने का निर्देश दिया गया है।
अधिकारियों ने भड़काऊ सामग्री प्रसारित करने वाले किसी भी व्यक्ति के ख़िलाफ़ कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
हिंदू संगठनों ने शनिवार को समाधि स्थल पर कीर्तन आयोजित करने की योजना की घोषणा की है, जिसके बाद प्रशासन ने तीन-स्तरीय बैरिकेडिंग लगा दी है और आसपास के क्षेत्र में प्रांतीय सशस्त्र पुलिस बल और आरक्षित बल सहित अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिए हैं।
फतेहपुर प्रशासन द्वारा 16 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन एक सुनियोजित लामबंदी की खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए, समाधि स्थल से संबंधित सभी प्रकार के समारोहों, जुलूसों और विरोध प्रदर्शनों पर सख्त निषेधाज्ञा लागू करने के एक दिन बाद यह कड़ी सतर्कता बढ़ाई गई है। यह आदेश सोमवार की घटना के बाद दिया गया है, जब दक्षिणपंथी समूहों ने परिसर में धावा बोल दिया, कब्रों को क्षतिग्रस्त कर दिया और दावा किया कि यह स्थल एक हिंदू मंदिर है। क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत कर दी गई है।
इस मामले को लेकर विधानसभा के मानसून सत्र में भी विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया।
भाषा सं आनन्द