नगालैंड के राज्यपाल ला गणेशन का निधन
शुभम पारुल
- 16 Aug 2025, 12:45 AM
- Updated: 12:45 AM
कोहिमा, 15 अगस्त (भाषा) नगालैंड के राज्यपाल ला गणेशन का शुक्रवार को चेन्नई के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। राजभवन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इस बीच, गृह विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि गणेशन के निधन के बाद नगालैंड सरकार ने शनिवार से सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और राज्य सरकार के विभागों द्वारा कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं आयोजित किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े तमिलनाडु के जाने-माने भाजपा नेता गणेशन 2021 से 2025 के बीच मणिपुर, पश्चिम बंगाल और नगालैंड के राज्यपाल रह चुके हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग तथा कई अन्य नेताओं ने गणेशन के निधन पर शोक व्यक्त किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "नगालैंड के राज्यपाल ला गणेशन जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने राज्यसभा सदस्य और मणिपुर व पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने जन कल्याण के लिए कार्य किया। तमिलनाडु और देश के विकास में उनके योगदान को याद रखा जाएगा। मैं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।"
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गणेशन के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें एक समर्पित राष्ट्रवादी के रूप में याद किया, जिन्होंने अपना जीवन सेवा और राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित किया।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘गणेशन ने तमिलनाडु में भाजपा का विस्तार करने के लिए कड़ा परिश्रम किया। तमिल संस्कृति के प्रति भी उनका गहरा लगाव था। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।’’
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने गणेशन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें एक दुर्लभ नेता बताया, जो अपनी राजनीतिक शिष्टता के लिए जाने जाते थे।
स्टालिन ने कहा, "उन्होंने विभिन्न विचारधाराओं के नेताओं का सम्मान करते हुए गरिमा के साथ व्यवहार किया। गणेशन दिवंगत द्रमुक नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि का बहुत सम्मान करते थे।"
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी गणेशन के निधन पर शोक व्यक्त किया और राष्ट्र के प्रति उनके योगदान की सराहना की।
राजभवन के एक प्रवक्ता ने बताया कि गणेशन का पिछले कुछ दिनों से अस्पताल के आईसीयू में इलाज किया जा रहा था और शुक्रवार रात उनका निधन हो गया।
सूत्रों ने बताया कि आठ अगस्त को गणेशन चेन्नई स्थित अपने घर में गिर गए थे और उनके सिर में चोट आई थी।
उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने गहन निगरानी और इलाज के लिए उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कर लिया।
गणेशन को 12 फरवरी 2023 को नगालैंड का 21वां राज्यपाल नियुक्त किया गया था और उन्होंने उसी वर्ष 20 फरवरी को पदभार ग्रहण किया था।
असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने गणेशन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।
आचार्य ने एक शोक संदेश में कहा, "ला गणेशन के निधन के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। उन्होंने समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ नगालैंड के लोगों की सेवा की।"
वहीं, शर्मा ने 'एक्स' पर लिखा, "नगालैंड के माननीय राज्यपाल ला गणेशन जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने अपने पीछे जनसेवा और संगठन निर्माण की समृद्ध विरासत छोड़ी है।"
उन्होंने कहा, "असम की जनता की ओर से हम उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।"
सिक्किम के मुख्यमंत्री तमांग ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "नगालैंड के माननीय राज्यपाल ला गणेशन के निधन से अत्यंत दुख हुआ। वे एक सच्चे देशभक्त और राजनेता थे, जिन्होंने अपना जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने अपनी सादगी, विनम्रता और लोक कल्याण के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता से अनगिनत लोगों के जीवन को प्रभावित किया।"
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘नगालैंड के माननीय राज्यपाल एवं मणिपुर के पूर्व राज्यपाल ला गणेशन जी के निधन से अत्यंत दुखी हूं। उन्हें हमारे राज्य के कल्याण के प्रति उनकी ईमानदार प्रतिबद्धता और राष्ट्र के प्रति उनकी समर्पित सेवा के लिए याद किया जाएगा। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।’’
भाजपा के पूर्व सांसद राजकुमार रंजन सिंह ने भी गणेशन के निधन पर शोक व्यक्त किया।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मैं मणिपुर के पूर्व राज्यपाल और नगालैंड के मौजूदा राज्यपाल ला गणेशन जी के आकस्मिक निधन से स्तब्ध हूं। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं। ओम शांति।’’
भाषा
शुभम