एफबीआई ने अमेरिका के पूर्व एनएसए जॉन बोल्टन के आवास की तलाशी ली
एपी आशीष नेत्रपाल
- 22 Aug 2025, 07:57 PM
- Updated: 07:57 PM
वाशिंगटन, 22 अगस्त (एपी) अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने गोपनीय दस्तावेज रखने संबंधी जांच के तहत पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन के मैरीलैंड स्थित आवास की तलाशी ली है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बोल्टन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में एनएसए के रूप में कार्य किया था, लेकिन बाद में वह ट्रंप के आलोचक बन गए।
सूत्रों ने बताया कि बोल्टन को हिरासत में नहीं लिया गया है और उन पर किसी भी अपराध का आरोप नहीं लगाया गया है।
बोल्टन और ‘व्हाइट हाउस’ के प्रवक्ता से मामले में कोई जवाब नहीं मिला। बोल्टन का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने भी फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की। न्याय विभाग ने भी कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन नेताओं ने शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया पर कई पोस्ट में बोल्टन के आवास की तलाशी का उल्लेख किया।
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कोई भी कानून से ऊपर नहीं है...एफबीआई एजेंट मिशन पर हैं।’’
पटेल ने 2023 में लिखी अपनी एक किताब में बोल्टन को ‘‘डीप स्टेट की कार्यकारी शाखा के सदस्यों’’ की सूची में शामिल किया था।
अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने पटेल का पोस्ट साझा करते हुए लिखा, ‘‘अमेरिका की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। न्याय की रक्षा की जाएगी। हमेशा।’’
बोल्टन के आवास की तलाशी ऐसे समय में ली गई है जब ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रपति के अन्य कथित आलोचकों की गतिविधियों की जांच करने के लिए कदम उठाए हैं।
इस महीने की शुरुआत में ‘एबीसी’ के साथ एक साक्षात्कार में, बोल्टन से पूछा गया था कि क्या वह ट्रंप प्रशासन द्वारा उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई किए जाने को लेकर चिंतित हैं। बोल्टन ने कहा कि ट्रंप उनकी सुरक्षा व्यवस्था हटाकर ‘‘पहले ही उनके पीछे पड़ गए हैं। मुझे लगता है कि वह प्रतिशोध में कदम उठा रहे हैं।’’
ट्रंप की पिछली सरकार के दौरान बोल्टन 17 महीनों तक एनएसए रहे थे। ईरान, अफगानिस्तान और उत्तर कोरिया को लेकर उनके और ट्रंप के बीच मतभेद रहा। ट्रंप के पिछले प्रशासन ने बोल्टन की एक किताब के प्रकाशन को रोकने की असफल कोशिश की थी, जिसमें गोपनीय जानकारी होने का आरोप लगाया गया था।
बोल्टन के वकीलों ने कहा है कि उन्होंने किताब पर आगे तब कदम बढ़ाया जब ‘व्हाइट हाउस’ की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक अधिकारी, जिनके साथ बोल्टन ने महीनों तक काम किया था, ने कहा कि पांडुलिपि में अब कोई वर्गीकृत जानकारी नहीं है।
इस साल राष्ट्रपति पद संभालने के पहले ही दिन ट्रंप ने बोल्टन समेत 48 से ज़्यादा पूर्व ख़ुफ़िया अधिकारियों की सुरक्षा मंज़ूरी रद्द कर दी। बोल्टन उन तीन पूर्व अधिकारियों में शामिल थे जिनकी सुरक्षा मंज़ूरी ट्रंप ने इस साल की शुरुआत में रद्द कर दी थी।
बोल्टन की किताब ‘द रूम व्हेयर इट हैपेंड’ में ट्रंप को विदेश नीति के बारे में बहुत कम जानकारी रखने वाला बताया गया। यह भी कहा गया कि ‘‘व्हाइट हाउस के मामलों से भी ट्रंप आश्चर्यजनक रूप से अनभिज्ञ रहे, विशाल संघीय सरकार की तो बात ही छोड़ दें।’’
ट्रंप ने जवाब में बोल्टन को युद्ध-उन्मादी करार दिया, जो देश को ‘‘छठे विश्वयुद्ध’’ में धकेल देता।
बोल्टन तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत रहे और रोनाल्ड रीगन के राष्ट्रपति कार्यकाल में भी कई पदों पर रहे। उन्होंने 2012 और 2016 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने पर विचार किया था।
वर्ष 2022 में, एक ईरानी जासूस पर बोल्टन की हत्या की साज़िश रचने का आरोप लगाया गया, जो जनवरी 2020 में हुए अमेरिकी हवाई हमले का बदला लेने के लिए किया गया था, जिसमें देश के सबसे शक्तिशाली जनरल मारे गए थे। बोल्टन तब तक ट्रंप प्रशासन छोड़ चुके थे, लेकिन उन्होंने पोस्ट किया, ‘‘उम्मीद है कि यह तेहरान में सत्ता परिवर्तन की दिशा में पहला कदम है।’’
एपी आशीष