कर्नाटक सरकार ने धर्मस्थल मामले की एनआईए जांच कराने संबंधी भाजपा की मांग खारिज की
सुभाष नेत्रपाल
- 25 Aug 2025, 10:23 PM
- Updated: 10:23 PM
बेंगलुरु, 25 अगस्त (भाषा) कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने धर्मस्थल मामले की एनआईए जांच कराने की विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मांग को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि वह इस मामले का राजनीतिकरण न करे।
भाजपा की प्रदेश इकाई ने एक सितंबर के लिए एक और ‘धर्मस्थल चलो’ मार्च की घोषणा की। यह सोमवार को पार्टी के कुछ विधायकों और नेताओं द्वारा किए गए ‘धर्मस्थल चलो’ मार्च के अलावा होगा।
विवाद उस वक्त शुरू हुआ, जब एक शिकायतकर्ता ने दावा किया कि धर्मस्थल नगर में कई शवों को दफन किया गया, जिनमें यौन उत्पीड़न पीड़िताओं के शव भी शामिल थे और इस मामले में स्थानीय मंदिर के प्रशासकों की संलिप्तता की ओर इशारा किया गया।
शिकायतकर्ता की बाद में पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई थी और उसे झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
शिकायतकर्ता के बयान के बाद, कर्नाटक सरकार ने लगभग एक महीने पहले एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था।
एसआईटी ने धर्मस्थल नगर में कई स्थानों की खुदाई की, जिन्हें चिन्नैया ने उन स्थानों के रूप में चिह्नित किया था, जहां शवों को दफनाया गया था।
राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर के अनुसार, एक स्थान पर एक कंकाल मिला, जो एक पुरुष का बताया जा रहा है और दूसरी जगह कुछ अस्थियां मिलीं।
सोमवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने एक सितंबर को राज्यव्यापी ‘धर्मस्थल चलो’ मार्च शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘धर्मस्थल चलो’ मार्च सभी 224 निर्वाचन क्षेत्रों से निकाला जाएगा।
शिकारीपुरा से विधायक ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को धर्मस्थल प्रकरण की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप देनी चाहिए, जिससे लोगों, खासकर मंजूनाथ स्वामी के श्रद्धालुओं में राज्य सरकार के प्रति विश्वास पैदा होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक सितंबर को धर्मस्थल चलो मार्च निकाला जाएगा। हम हिंदू समुदाय से धर्मस्थल तक मार्च निकालने का अनुरोध कर रहे हैं, जहां हम एक विशाल जनसभा करेंगे।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में किया जा रहा दुष्प्रचार एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है।
इस बीच, मैसुरु में पत्रकारों से परमेश्वर ने कहा, ‘‘मैंने कर्नाटक विधानसभा में ही कहा था कि सच्चाई सामने आनी चाहिए और लोगों को इससे अवगत कराया जाना चाहिए। इसलिए, एसआईटी का गठन किया गया, जो अभी भी जांच कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि उन्होंने विभिन्न बयानों पर ध्यान दिया है, लेकिन इससे सच्चाई सामने नहीं आएगी।
भाजपा से इस मामले का राजनीतिकरण न करने और इसे धार्मिक मुद्दा न बनाने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को बयानबाजी बंद कर देनी चाहिए और जांच में सहयोग करना चाहिए।
मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एसआईटी सक्षम है और अपना काम पूरी लगन से कर रही है। एनआईए जांच की कोई जरूरत नहीं है। मैं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से सावधानीपूर्वक मामले की जांच करवा रहा हूं।’’
भाषा सुभाष