हमारे छात्रों ने पूरे पाठ्यक्रम में एआई का उपयोग करके क्या सीखा
मनीषा पवनेश
- 26 Aug 2025, 05:49 PM
- Updated: 05:49 PM
अलेक्जेंडर रिक्टर, विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ऑफ वेलिंगटन; और इशारा सुदीप्ता, विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ऑफ वेलिंगटन
वेलिंगटन, 26 अगस्त (द कन्वरसेशन) जब कक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग किया जाता है, तो अक्सर फोकस नकल या शॉर्टकट जैसे खतरों पर होता है। लेकिन 2025 की शुरुआत में, डिजिटल नवाचार और रणनीति पर जोर देने वाले एक स्नातकोत्तर व्यवसाय विश्लेषण पाठ्यक्रम में छात्रों को एआई का उपयोग हर चरण में उद्देश्यपूर्ण तरीके से करने के लिए कहा गया।
पाठ्यक्रम समाप्त होने पर छात्रों ने इस संबंध में दी प्रतिक्रियाओं में स्पष्ट रूप से कहा कि उन्होंने एआई को एक साधारण टास्क मशीन नहीं, बल्कि एक नवाचार साझेदार के रूप में देखना शुरू किया । हालांकि इसका उपयोग सावधानीपूर्वक करने की आवश्यकता है।
यह हाल ही में प्रकाशित शोध के अनुरूप है, जिसमें यह निष्कर्ष निकाला गया है कि भले ही एआई में चेतना न हो, फिर भी यह टीमों में सार्थक योगदान देने वाला एक सहयोगी हो सकता है।
एआई को देखने का व्यापक नजरिया
पाठ्यक्रम की शुरुआत में कई छात्रों ने एआई को एक खतरे या स्वचालन के एक बुनियादी उपकरण के रूप में देखा। लेकिन अंत तक, उन्होंने इसे मानव क्षमताओं को बढ़ाने और नई संभावनाएं खोलने वाले साधन के रूप में स्वीकार किया, विशेष रूप से डेटा-आधारित अंतर्दृष्टि देने की क्षमता के कारण।
एक छात्र ने कहा, “मेरा नजरिया पहले था ‘क्या एआई हमारी नौकरियां ले लेगा?’ लेकिन अब यह बदल कर ‘मानव और एआई साथ कैसे काम कर सकते हैं?’ हो गया।”
दो प्रमुख मानसिक बदलाव
1. उपकरण से साझेदार तक
छात्रों ने एक केस स्टडी में भर्तियों पर काम किया। शुरुआत में उन्होंने एआई का उपयोग केवल सैकड़ों सीवी को कीवर्ड्स से छांटने जैसे साधारण कार्यों के लिए किया। लेकिन बाद में वे इसे एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखने लगे — जैसे यह पूछना कि किन कौशलों से दीर्घकालिक सफलता की भविष्यवाणी हो सकती है, या गैर-पारंपरिक पृष्ठभूमि वाली छिपी हुई प्रतिभाओं की पहचान कैसे की जा सकती है।
अंततः वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि केवल एक एआई टूल का उपयोग करना ही नहीं, बल्कि पूरी तरह एक नया व्यवसाय मॉडल बनाना अधिक उपयुक्त होगा, जिसमें एआई ही उत्पाद का केंद्र हो। एक छात्र ने लिखा, “अब मैं एआई को अलग से जोड़ने वाली चीज़ के रूप में नहीं, बल्कि डिज़ाइन का मूल हिस्सा मानता हूं।”
2. एक जिम्मेदार उपयोग की ओर
शुरुआत में छात्रों ने एआई पर आंख बंद कर विश्वास दिखाया। लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने गलत जानकारी और पूर्वाग्रह जैसे मुद्दों को पहचाना, उन्होंने स्रोतों की जांच करना और संतुलित निर्णय लेना शुरू किया।
एक छात्र ने लिखा, “पहले मैं एआई के परिणामों पर आंख मूंदकर भरोसा करता था, अब मैं विश्वसनीयता की जांच की अहमियत समझता हूं।”
छात्रों ने बार-बार पारदर्शिता, निष्पक्षता और कार्यस्थल में स्पष्ट दिशा-निर्देशों की कमी को लेकर चिंता जताई। कुछ ने निष्कर्ष निकाला कि एआई का कैसे उपयोग किया जा रहा है, यह क्या कर सकता है, उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है।
कक्षा से आगे का असर
आज के कार्यस्थल दोहरी वास्तविकताओं का सामना कर रहे हैं — एआई से जहां एक ओर नियमित कार्यों की गति बढ़ती है, वहीं यह मूल्य निर्माण की प्रक्रिया को भी बदल सकता है। इसलिए यह शिक्षण दृष्टिकोण केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि संगठनों के लिए भी उपयोगी है। इसके लिए सुझाव दिए गए हैं :
इरादे तय कर एआई का प्रयोग करें: पहले यह तय करें कि आप क्या हासिल करना चाहते हैं, फिर उपकरण और डेटा का चुनाव करें।
नैतिकता को उपयोग का हिस्सा बनाएं: पूर्वाग्रह, गोपनीयता और डेटा स्रोत की जांच कार्यप्रवाह में ही करें।
केवल उपकरण नहीं, डिजिटल समझ विकसित करें: विभिन्न सिस्टम्स के संपर्क में आने से छात्रों ने यह सीख लिया कि कब भरोसा करें, कब जांचें और कब रणनीति बदलें।
मूल्य को व्यवसाय मॉडल स्तर पर मापें: केवल समय बचत नहीं, नए राजस्व स्रोत और जोखिम में कमी भी महत्वपूर्ण लाभ हैं।
(द कन्वरसेशन)
मनीषा