पंचकूला में शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों की समन्वय बैठक में उभरते आतंकी खतरों पर ध्यान केंद्रित किया गया
आशीष संतोष
- 29 Aug 2025, 08:13 PM
- Updated: 08:13 PM
चंडीगढ़, 29 अगस्त (भाषा) देश की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों की एक उच्च स्तरीय समन्वय बैठक शुक्रवार को पंचकूला में हुई, जिसमें उत्तर भारत में आतंकवादी खतरों और संगठित अपराध की उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए एक संयुक्त रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि इसका उद्देश्य समन्वय, दक्षता विकास और निवारक रणनीतियों के माध्यम से सुरक्षा ढांचे को और मजबूत करना है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘खुफिया ब्यूरो (आईबी), राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सहित देश की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों की एक उच्च स्तरीय समन्वय बैठक पंचकूला के मोगीनंद में आयोजित की गई।’’
बैठक को संबोधित करते हुए एनआईए के महानिदेशक सदानंद दाते ने कहा कि आतंकवाद का बुनियादी ढांचा लगातार विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मंच और नयी तकनीक के इस्तेमाल से आतंकवादियों की रणनीतियां पहले से कहीं अधिक जटिल हो गई हैं।
दाते ने कहा कि ऐसी स्थिति में, सुरक्षा एजेंसियों को समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए अपनी कार्यप्रणाली को उन्नत करना होगा।
एनआईए महानिदेशक ने कहा कि बेहद महत्वपूर्ण समय के दौरान, प्रत्येक एजेंसी को यह स्पष्ट होना चाहिए कि क्या, कब और कैसे कार्य करना है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में संयुक्त अभ्यास और समन्वय सबसे प्रभावी हथियार हैं।
एनएसजी के महानिदेशक बी. श्रीनिवासन ने ‘संयुक्त आतंकवाद निरोधी प्रतिक्रिया’ पर एक प्रस्तुति दी और बताया कि इस विषय पर हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ में विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण सत्र और अभ्यास आयोजित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि अब तक हरियाणा में 609, हिमाचल प्रदेश में 560 तथा चंडीगढ़ में 261 सुरक्षाकर्मियों को बम निरोधक तकनीक, सामरिक ड्राइविंग, आतंकवाद निरोधी कैप्सूल समेत अन्य का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने बैठक में राज्य स्तरीय तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य भर में 53 विशेष हथियार और रणनीति (एसडब्ल्यूएटी) टीम तैनात की गई हैं, जो किसी भी हिंसक या चरम स्थिति में त्वरित कार्य करेंगी।
इसके अतिरिक्त, पुलिसकर्मियों को बड़े पैमाने पर उन्नत हथियारों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डीजीपी कपूर ने यह भी बताया कि आतंकवादियों और बड़े अपराधियों के बीच गठजोड़ एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है, जिसके लिए दक्षता विकास की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मीडिया में अपराधियों के नाम और तस्वीरें प्रकाशित करने से उनकी चर्चा होती है और युवा मन पर इसका प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसके समाधान के लिए, हरियाणा विधानसभा ने एक विशेष प्रस्ताव पारित करके मीडिया से ऐसे तत्वों का महिमामंडन न करने का अनुरोध किया है।
अधिकारी ने पड़ोसी राज्यों- पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ से भी आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्राधिकार में मीडिया संस्थानों से इसी प्रकार का अनुरोध करें।
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव, चंडीगढ़ के डीजीपी सागर प्रीत हुड्डा और हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) ज्ञानेश्वर सिंह ने अपने-अपने राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया।
भाषा आशीष