अगले चार वर्षों में शहरी बुनियादी ढांचे में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावना: आवास सचिव
रमण प्रेम
- 29 Aug 2025, 08:32 PM
- Updated: 08:32 PM
नयी दिल्ली, 29 अगस्त (भाषा) केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला ने शुक्रवार को कहा कि देश के शहरी बुनियादी ढांचा क्षेत्र में पिछले एक दशक में 30 लाख करोड़ रुपये का भारी निवेश हुआ है और अगले चार वर्षों में इसमें 10 लाख करोड़ रुपये का और निवेश होने का अनुमान है।
उन्होंने रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष निकाय नारेडको के दो-दिवसीय 17वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आवास इस निवेश का एक प्रमुख घटक होगा। उन्होंने बुनियादी ढांचा उद्योग से इसमें अपना योगदान देने का आग्रह किया।
‘रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे के माध्यम से विकास की पुनर्कल्पना’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में कटिकिथला ने कहा, "भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है और अगले 20 वर्षों में 50 प्रतिशत से अधिक आबादी शहरी क्षेत्रों में रहेगी।’’
उन्होंने तेज शहरीकरण को एक चुनौती के साथ अवसर भी बताया।
सचिव ने रियल एस्टेट उद्योग से आग्रह किया कि वे अपनी परियोजनाओं को उन जगहों पर विकसित करें जहां बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है। उन्होंने रियल एस्टेट क्षेत्र से आवास से आगे अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार करने को भी कहा।
कटिकिथला ने कहा, ''पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में शहरी बुनियादी ढांचे और शहरी क्षेत्र पर बहुत अधिक ध्यान दिया गया है और भारी निवेश हुआ है।''
उन्होंने कहा, ''पिछले एक दशक में, हमने 30 लाख करोड़ रुपये का निवेश देखा है और 2004-2014 की अवधि के दौरान यह निवेश केवल 1.78 लाख करोड़ रुपये था।''
सचिव ने कहा कि आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय केंद्र सरकार में चौथा सबसे बड़ा पूंजीगत व्यय वाला मंत्रालय है।
उन्होंने रियल एस्टेट उद्योग से अपनी विकास गतिविधियों को मौजूदा बुनियादी ढांचे के साथ जोड़ने का अनुरोध किया।
सचिव ने कहा, "अगले चार वर्षों में शहरी क्षेत्रों में 10 लाख करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे। निजी क्षेत्र के लिए भागीदारी और विकास के काफी अवसर हैं।’’
सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री तोखन साहू ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बुनियादी ढांचा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और वह इसके निरंतर विकास और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में इसके योगदान को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि रियल एस्टेट नियामक रेरा का विस्तार इस तरह किया जाना चाहिए कि सभी संबंधित पक्षों के लिए लाभ की स्थिति बने और सरकार के उद्देश्य भी पूरे हों।
इस मौके पर नारेडको के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने आवास और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों को मजबूत करने के सरकार के प्रयासों की सराहना की और इन्हें वृद्धि के दो इंजन बताया।
उन्होंने हालांकि आवास विकास की गति को तेज करने के लिए रेरा के तहत परियोजना पंजीकरण को बढ़ाने की जरूरत बतायी।
हरि बाबू ने कहा कि दिल्ली में हाल ही में रेरा के तहत केवल 123 परियोजनाएं पंजीकृत हुईं, जबकि तमिलनाडु में लगभग 5,000 और महाराष्ट्र में लगभग 6,000 परियोजनाएं पंजीकृत हुईं हैं।
भाषा
रमण