एसआईए ने जम्मू में कश्मीर टाइम्स के मुख्यालय में छापा मारा, हथियार व गोलाबारूद बरामद
प्रशांत पवनेश
- 20 Nov 2025, 10:38 PM
- Updated: 10:38 PM
जम्मू, 20 नवंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने बृहस्पतिवार को जम्मू में कश्मीर टाइम्स के मुख्यालय पर छापा मारा और तलाशी अभियान के दौरान हथियार, गोला-बारूद और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए। एसआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस तलाशी अभियान को उन आरोपों के बाद शुरू किया गया था कि यह प्रकाशन देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।
एजेंसी ने इसी जांच के तहत जम्मू के गांधी नगर में मीडिया घराने के मालिक प्रबोध जामवाल के घर की भी तलाशी ली।
एजेंसी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में की गई ये छापेमारी, मीडिया घराने कश्मीर टाइम्स के खिलाफ दर्ज मामले की जांच के सिलसिले में की गई। यह मामला जम्मू-कश्मीर के अंदर और बाहर सक्रिय अलगाववादी और दूसरे देश-विरोधी संगठनों के साथ आपराधिक साजिश में शामिल होने के आरोप में दर्ज किया गया है। संगठन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें बताया गया था कि यह खास मीडिया मंच कथित तौर पर आतंकवादी और अलगाववादी विचारधारा, भड़काऊ, मनगढ़ंत और झूठी बातें फैला रहा है, जम्मू-कश्मीर के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहा है, नाराजगी और अलगाववादी भावनाएं भड़का रहा है, शांति और लोक व्यवस्था बिगाड़ रहा है, और प्रिंट और डिजिटल सामग्री के जरिए भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती दे रहा है।
बयान में कहा गया है कि जम्मू के रेजीडेंसी रोड पर मौजूद कश्मीर टाइम्स के कार्यालय में की गई छापेमारी और तलाशी में एक रिवॉल्वर, ए.के.-सीरीज़ के हथियारों के कई कारतूस व खोखे, चार ग्रेनेड सेफ्टी लीवर और पिस्तौल के तीन कारतूस बरामद किये गए।
इसमें कहा गया, “सभी बरामद सामान कानूनी प्रक्रियाओं के बाद मौके पर ही ज़ब्त कर लिए गए। इन बरामदगी से पता चलता है कि सामान गैर-कानूनी तरीके से रखा गया था और इसके कट्टरपंथी या देश-विरोधी तत्वों से संदिग्ध संबंध हैं, इसलिए आगे और विस्तार में जांच की जरूरत है।”
जब्त किए गए हथियार, गोला-बारूद, डिजिटल उपकरण और दस्तावेजों की फोरेंसिक और टेक्निकल जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे कहां से आए हैं, उनका मकसद क्या है और प्रतिबंधित संगठनों या लोगों से उनका कोई संभावित संबंध है या नहीं।
जांच अभी जारी है, और सामने आए सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, कश्मीर टाइम्स के प्रबंधन ने प्रकाशन के जम्मू कार्यालय में कथित छापे की कड़ी आलोचना की और कहा कि राज्य के खिलाफ गतिविधियों के आरोप एक स्वतंत्र मीडिया संस्थान को दबाने की एक सोची-समझी कोशिश है।
सोशल मीडिया पर जारी एक संयुक्त बयान में, संपादक प्रबोध जामवाल और अनुराधा भसीन ने कहा, “जम्मू में हमारे कार्यालय पर कथित छापा, राष्ट्र के खिलाफ गतिविधियों के बेबुनियाद आरोप और कश्मीर टाइम्स पर समन्वित कार्रवाई हमें चुप कराने की एक और कोशिश है।”
उन्होंने कहा, “सरकार की आलोचना करना और सरकार से दुश्मनी करना एक जैसा नहीं है। असल में, यह इसका बिल्कुल उल्टा है। एक मजबूत, सवाल पूछने वाला प्रेस एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है। सत्ता को जिम्मेदार ठहराने, भ्रष्टाचार की जांच करने, पिछड़ी आवाजों को पुरजोर करने का हमारा काम हमारे देश को मजबूत करता है। यह इसे कमजोर नहीं करता।”
आरोपों को “डराने का तरीका” बताते हुए संपादकों ने कहा, “हमारे खिलाफ लगाए गए आरोप डराने, गलत साबित करने और आखिर में चुप कराने के लिए हैं। हम चुप नहीं रहेंगे।”
छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र शासित प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने कहा कि कार्रवाई तभी होनी चाहिए जब गलत काम साबित हो जाए, न कि दबाव के लिए।
चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “अगर उन्होंने कुछ गलत किया है, तो कार्रवाई की जानी चाहिए...अगर आप सिर्फ दबाव बनाने के लिए ऐसा करते हैं, तो यह गलत होगा।”
चौधरी ने कहा, “पत्रकारिता को मुक्त माहौल मिलना चाहिए। यह लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। उन्हें मौका दिया जाना चाहिए ताकि वे अपनी आवाज मजबूती से रख सकें। अगर कोई सच छाप रहा है, तो उस पर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।”
एसआईए की कार्रवाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे एजेंसियों की जांच के काम करने के तरीके पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन एक जैसे मानक जरूरी हैं। उन्होंने कहा, “अगर आप छापेमारी करना चाहते हैं, तो सभी पर करें। किसी को चुनकर न करें।”
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